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Last Updated : बुधवार, 4 मार्च 2020 (19:44 IST)

पितरेश्वर हनुमान धाम के 'नगर भोज' में 10 लाख लोगों ने ग्रहण की महाप्रसादी, दोबारा बनाना पड़ा भोजन

Pitreshwar Hanuman Dham
इंदौर। इंदौर ने मंगलवार, 3 मार्च को एक नया इतिहास तब रच डाला, जब पितरेश्वर हनुमान धाम के 'नगर भोज' में 10 लाख लोगों ने महाप्रसादी ग्रहण की। अपराह्न 4 बजे से नगर भोज प्रारंभ हुआ, जो देर रात तक जारी रहा। यहां तक कि रात में जब 10 लाख लोगों के लिए बनाई गई सब्जी खत्म हो गई, तब सेंव की सब्जी बनाकर पूर्ति की गई।
पितरेश्वर हनुमान धाम में अष्ट धातु की 108 टन वजनी दुनिया की सबसे बड़ी हनुमानजी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा और अनुष्ठान का जो सिलसिला 14 फरवरी से प्रारंभ हुआ था, वह मंगलवार 3 मार्च को नगर भोज के साथ ही संपन्न हो गया।
सबसे बड़ी बात यह थी कि 10 लाख लोगों में महाप्रसादी के वितरण के लिए 10 भोजनशाला बनाई गई थी और कहीं पर भी कोई अव्यवस्था नहीं हुई। शहरवासियों ने सड़क पर और मैदान में बैठकर पूरी श्रद्धा और प्रेम के साथ हनुमानजी की महाप्रसादी को ग्रहण किया। पूरी व्यवस्था की कमान खुद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला और विधायक आकाश विजयवर्गीय ने अपने हाथों में रखी। यही नहीं, तीनों ने परोसगारी भी की।
 
बीती शाम से बड़ा गणपति से पितरेश्वर हनुमान धाम के 7 किलोमीटर का नजारा कुछ ऐसा था, मानो यह सड़क श्रद्धालुओं के लिए 'डायनिंग टेबल' बन गई हो। महाप्रसादी ग्रहण करने के लिए इंदौर के अलावा महू, उज्जैन, देवास, धार और आसपास के अन्य शहरों से भी श्रद्धालु पहुंचे।
हैरत की बात थी कि इस 'नगर भोज' में इतनी अधिक संख्या में लोग पहुंचे कि रात में सब्जी तक खत्म हो गई लेकिन उन्हें निराश नहीं लौटना पड़ा, क्योंकि आयोजकों ने तुरंत सेंव की सब्जी तैयार करवाकर परोसी। इतनी बड़ी संख्या में 10 लाख लोगों को भोजन कराना मामूली बात नहीं थी। इसके लिए 10 हजार कार्यकर्ताओं की फौज सड़कों पर उतर पड़ी। 2,000 महिलाओं ने भी मोर्चा संभाला।
 
चूंकि एयरपोर्ट सड़क पर यह सबसे बड़ा भंडारा था, लिहाजा ट्रैफिक बाधित न हो लिहाजा सड़क के एक ओर भोजन परोसा जा रहा था, जबकि दूसरी तरफ ट्रैफिक निर्बाध तरीके से जारी था। 500 से ज्यादा निजी एजेंसियों के लोगों के साथ 500 से ज्यादा कार्यकर्ता ट्रैफिक संभाल रहे थे। इस ट्रैफिक में एक एम्बुलेंस भी फंस गई थी जिसे जल्दी ही रास्ता दिया गया।
महाप्रसादी को तैयार करने में 2 हजार डिब्बे शुद्ध घी, 1 हजार क्विंटल आटा, 500 क्विंटल सब्जी, 500‍ क्विंटल बेसन और 500 किलो मसालों का उपयोग किया गया। नगर भोज के लिए बड़ा गणपति से पितेश्वर हनुमान धाम तक की सड़क पहले धोई गई और फिर पंगत बैठाई गई। पूरा माहौल 'हनुमानमय' हो गया था। लोग भजन गा रहे थे और लाउड स्पीकर पर हनुमान चालीसा चल रही थी। 
 
शाम 6 बजे बाद जब इस रोड पर ट्रैफिक बढ़ा और जाम की स्थिति बनी तो खुद महिलाओं ने मोर्चा संभाला और ट्रैफिक को व्यवस्थित किया। सफाई में हैट्रिक लगाकर पूरे देश में स्वच्छा की मिसाल कायम करने वाले इंदौर में इस नगर भोज से गंदगी न हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा गया। महाप्रसादी में पूड़ी, सब्जी और नुक्ती परोसी गई। 
कैलाश विजयवर्गीय के अनुसार श्री विद्याधाम के आचार्य महामंडलेश्वर चिन्मयानंद महाराज के मार्गदर्शन में यज्ञाचार्य पंडित राजेश शर्मा ने गौघृत, साकल्प, पंचमेवा, पंचामृत और अन्य दिव्य सामग्रियों से अतिरुद्र महायज्ञ, शतचंडी यज्ञ और सग्रहमख यज्ञ की पूर्णाहुति संपन्न करवाई। विजयवर्गीय ने कहा कि आने वाले समय में पितरेश्वर हनुमान धाम देश के प्रमुख तीर्थों में शुमार होगा।