सावधान! बिना OTP आए भी हो सकती है ऑनलाइन ठगी : प्रो. रावल
पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार 12-04-2022 को उज्जैन जोन के जिलों के आरक्षक से लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी व कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु पुलिस ट्रेनिंग स्कूल उज्जैन (PTS) द्वारा दो दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमे मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से 40 प्रतिभागी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे। सत्र को राष्ट्रीय स्तर के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ प्रो. गौरव रावल द्वारा संबोधित किया गया। उन्होंने मौजूदा स्थिति में ऑनलाइन लेन-देन के साइबर परिदृश्य और स्मार्ट समाधानों से लोगों को अवगत कराया।
प्रो. रावल ने विभिन्न ऑनलाइन फ़्राड जैसे- फिशिंग, विशिंग, आइडेंटिटी थेफ्ट, स्किमिंग और ज्यूस जेकिग के बारे विस्तार से समझाते हुए इनसे बचने के उपायों को भी बताया। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध के विभिन्न प्रकारों के बारे में बताया, जो सिर्फ एक साधारण मोबाइल फोन और इंटरनेट कनेक्शन उपयोग करके किए जा सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि हमारी डिजिटल सुरक्षा हेतु देश की विभिन्न एजेंसियां जैसे- सेंट्रल इमेर्जेंसी रेस्पोन्स टीम (CERT), नेशनल क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC) और स्टैंडर्डडायसेशन टेस्टिंग एंड क्वालिटी सर्टिफिकेशन (STQC) किस प्रकार और क्या कार्य कर रही हैं।
प्रो. रावल याद दिलाया कि अपने व्यक्तिगत जानकारी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपडेट या पोस्ट करते समय जागरूक रहें। किसी भी प्रकार के सोशल प्लेटफॉर्म पर अपने व्यक्तिगत विवरण जैसे फ़ोन नंबर, स्थानीय पता, वर्तमान स्थान और वास्तविक जन्मतिथि न दें क्योंकि इन सभी व्यक्तिगत विवरणों के साथ साइबर अपराधी आपके बैंकिंग विवरणों की मदद से बिना OTP के इंटरनेशनल साइट से ख़रीदारी कर सकते हैं।
प्रो. गौरव रावल ने बताया की भारत में 100 से भी ज्यादा ई-वालेट मौजूद हैं और उनकी मॉनिटरिंग करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए मुमकिन नहीं हैं इसलिए मोबाइल वॉलेट से भुगतान करते समय या पेमेंट गेटवे उपयोग करते समय या ई-कॉमर्स साइटों से खरीदारी करते समय और नेट बैंकिंग या डेबिट/क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते समय सभी संभव सावधानियां अपनानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि कोई भी ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी होने पर साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर रिपोर्ट करें और आरबीआई के सचेत पोर्टल www. sachet.rbi.org.in पर भी सूचना दें। किसी अन्य प्रकार की साइबर ठगी होने पर क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस स्टेशन पर जाकर सूचना दे साथ ही www.cybercrime.gov.in पोर्टल पर भी ऑनलाइन रिपोर्ट करें।
सत्र की मेजबानी सीएलआई शाखा प्रभारी नितिन अमलावद ने की। बीपी सलोकी प्रभारी पुलिस अधीक्षक, पुलिस ट्रेनिंग स्कूल उज्जैन (PTS) ने इस सूचनात्मक और सफल वेबिनार के लिए मुख्य वक्ता प्रो गौरव रावल को धन्यवाद दिया।