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Written By मुस्तफा हुसैन
Last Updated : रविवार, 15 सितम्बर 2019 (21:21 IST)

गांधीसागर बांध में पानी आवक ज्यादा लेकिन सुरक्षित, कैचमेंट के सभी 50 गांवों में अलर्ट

गांधीसागर बांध में पानी आवक ज्यादा लेकिन सुरक्षित, कैचमेंट के सभी 50 गांवों में अलर्ट - Nemuch rain : back water of Gandhi Sagar dam
नीमच जिले में तबाही और बर्बादी की बारिश थमने का नाम नहीं ले रही। इस तबाही की बारिश का उस समय रौद्र रूप हो गया, जब गांधीसागर बांध के कैचमेंट एरिया का बैक वॉटर जिले के 10 से अधिक गांवों और कस्बों में घुस गया। डेम बनने के बाद यह पहला मौका था, जब चंबल नदी का पानी रिंगवॉल को पार कर रामपुरा नगर में घुस गया।

अफवाहों पर ध्यान नहीं दें : गांधीसागर बांध के प्रभारी और एसडीओ एमएल त्रिवेदी ने मंदसौर जिले के गरोठ-भानपुरा से लगे गांधीसागर बांध को लेकर चल रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देने को कहा है। गांधीसागर में पानी की आवक जरूर ज्यादा है लेकिन बांध पूरी तरह से सुरक्षित है।
 
ये है गांधीसागर बांध की स्थिति : 1312 मीटर का लेवल है और फिलहाल 1318 मीटर तक पानी भर गया है
बांध के सभी 19 गेट खोल दिए गए हैं। इसमें 13 लाख क्यूसैक पानी आ रहा है। बांध से फिलहाल 5 लाख क्यूसैक पानी छोड़ रहे हैं।
- 3 घंटे पहले तक 16 लाख क्यूसैक पानी आ रहा था लेकिन अब पानी की आवक में कमी आई है।
- पानी की अधिक आवक से बांध के पावर हाउस और स्टीम पाल पर आंशिक नुकसान हुआ है।
सभी जगह अलर्ट : गांधीसागर बांध में पानी की आवक को देखते हुए कैचमेंट के सभी 50 गांवों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। ऐहतिहात के तौर पर गांधीसागर बांध पर आवाजाही बंद कर दी गई है।

जिला कलेक्टर अजय गंगवार ने बताया कि वे पूरी रात रामपुरा सर्कल में ही थे। इस दौरान करीब ढाई हजार लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया जिसमें हमें प्रशासन, पुलिस, सीआरपीएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय लोगों की भरपूर मदद मिली। 
गंगवार ने कहा कि गांधीसागर का वॉटर लेवल बढ़ने के कारण यह बैक वॉटर गांवों में घुसा। इस मामले में रामपुरा निवासी इसहाक खान ने कहा कि ऐसी तबाही हमने कभी नहीं देखी। करीब 200 से अधिक दुकानें पानी में जलमग्न हो गईं और करीब आधा शहर पानी में डूबा हुआ है। इसके अलावा आसपास के 10 से अधिक गांव खाली करवाए जा चुके हैं।
एसपी नीमच, राकेश कुमार सगर ने बताया कि देवरान, ब्रह्मपुरा, जोड़मी, सोनड़ी, मोकमपुरा, राजपुरिया, आंतरी बुजुर्ग, महागढ़ आदि गांवों में भी चंबल का पानी घुसने के कारण ग्रामीणों को विस्थापित किया गया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
गौरतलब है कि हर बार 1308 लेवल पर गांधीसागर डेम के गेट खोल दिए जाते हैं। इस बार 1,312 का इंतजार किया गया। भारी आवक के कारण डेम के कैचमेंट एरिया में बैक वॉटर फैलने लगा और वह नीमच और मंदसौर के सरहदी गांवों में घुस गया।
 
उधर पड़ोसी राज्य राजस्थान में भी स्थिति विकट है। एमपी में डेम के गेट खोले जाने के बाद सारा पानी राजस्थान के कोटा जिले में जाता है, जहां पानी की भरपूर आवक होने से वहां भी बाढ़ के हालात बन चुके हैं। अब स्थिति यह है कि यदि पानी नहीं रुका तो हर सूरत में चंबल का पानी एमपी और राजस्थान में भयावह हालात पैदा कर देगा।
 
इधर मनासा उपखंड की पंचायत महागढ़ में बड़ा बवाल हो गया, जब अतिवृष्टि से पीड़ित किसान सरपंच पति यौवन चौधरी से मदद मांगने गए तो सरपंच पति ने उनके साथ बदतमीजी कर दी जिस पर ग़ुस्साए किसानों ने चप्पल और सरिये से सरपंच पति की जमकर पिटाई लगा दी जिसका वीडियो जमकर वायरल हुआ।
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