हिंसक आंदोलन, पुलिस पर फेंके पत्थर, अधिकारी घायल
रतलाम। शहर में किसानों के आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया। खबरों के अनुसार शहर के चांदनीचौक-कसारा बाजार कार्नर में किसानों दुकानें बंद कराने लगे, जिसका दुकानदारों ने विरोध किया। इस बीच ग्राहकों और दुकानदारों के बीच मारपीट हो गई। इसमें करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए। डेलनपुर गांव में दूध बेचने जा रहे ग्रामीणों को आंदोलनकारियोंने रोक। पुलिस अधिकारियों के पर लोगों ने पथराव कर दिया। आंदोलकारियों ने पुलिस आठ गाड़ियों में आग लगा दी। इसमें एक पुलिस अधिकारी घायल हो गए। पुलिस ने भी उपद्रवियों से निपटने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और बल प्रयोग भी किया।
डेलनपुर आंदोलनकारियों ने महिलाओं को आगे कर दिया और शाम को दूध के वाहन डेलनपुर से होकर रतलाम की तरफ आ रहे वाहनों को रोक दिया। इसी बीच सैलाना से मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेकर लौट रहे प्रभारी कलेक्टर अशोक भार्गव और पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने भीड़ को देख अपने वाहन रोके और समझाने का प्रयास किया लेकिन आंदोलनकारी महिलाएं और उग्र हो गईं और कलेक्टर के वाहन को घेर लिया। पुलिस ने इन्हें खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े तो महिलाओं और आंदोलनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इससे एएसआई पवन यादव की आंख में गहरी चोंट आई। इसके बाद पुलिस ने हल्का लाठी चार्ज कर इन्हें खदेड़ा।
एएसआई पवन यादव को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। गंभीर चोटें होने से पवन यादव इंदौर रैफर किया गया। एएसआई मोतीराम चौधरी को भी पत्थरबाजी के दौरान हाथ में चोट आई है। पुलिस ने पीछा करके इनमें से करीब आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर गांव लाए।
यहां से रतलाम लाने वाले थे, किंतु महिलाओं ने फिर पुलिस को घेर लिया। महिलाएं हिरासत में लिए लोगों को छोड़ऩे की बात पर अड़ गई। फिर रतलाम- सैलाना मार्ग पर जाम लगा दिया। आंदोलनकारियों ने व्हाट्सएप पर मैसेज करके दूसरे किसानों को भी गांव पहुंचने का आह्वान किया तो बड़ी संख्या में आसपास के गांवों से किसान डेलनपुर पहुंच गए और फिर से पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में कुछ लोगों को नामजद किया गया है।