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Written By विशेष प्रतिनिधि
Last Modified: सोमवार, 12 सितम्बर 2022 (18:16 IST)

जर्मनी से लौटते ही बिशप पीसी सिंह नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार, EOW छापे में करोड़ों की हेराफेरी का खुलासा

जर्मनी से लौटते ही बिशप पीसी सिंह नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार, EOW  छापे में करोड़ों की हेराफेरी का खुलासा - Jabalpur bishop PC Singh arrested from Nagpur
भोपाल। मध्यप्रदेश में जबलपुर में ईओडब्ल्यू के छापे में करोड़ों का आसामी निकले बिशप पीसी सिंह को नागपुर एयरपोर्ट से सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। बिशप पीसी सिंह के यहां से छापे में एक करोड़ 66 लाख की नगदी बरामद होने के साथ 10 एफडी में करीब 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की जानकारी मिली है। इसके साथ छापे में अलग-अलग बैंकों में बिशप पीसी सिंह से जुड़े 174 खातों के बारे में पता चला है। इसमें से 128 बैंक खाते पीसी सिंह के नाम है और उसके परिवारवालों के नाम हैं और बाकी 46 खाते शैक्षणिक संस्थाओं के होना पाए गए हैं। इसके साथ छापे में यूएस डॉलर औऱ 80 लाख 72 हजार के सोने के जेवर के अलावा लग्जरी कार और इंपॉर्टेंट वॉच भी बरामद हुई थी।
 
जबलपुर ईओडब्ल्यू की ओऱ से दी गई जानकारी में बताया गया है कि बिशप पीसी सिंह को नागपुर एयरपोर्ट पर अभिरक्षा में लिया गया है और जांच एजेंसी उनसे पूछताछ कर रही है। ईओडब्ल्यू की बिशप पीसी सिंह के हर मूवमेंट पर नजर थी और जर्मनी से वापस लौटते ही नागपुर एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया है। 
 
बिशप पीसी सिंह और उसके साथियों पर 107 मामले दर्ज है। अधिकारी ने बताया कि करीब 35 केस में बिशप पीसी सिंह नामजद आरोपी है। उत्तरप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में केस दर्ज हैं। इसी कड़ी में जबलपुर में हुई कार्रवाई मामले में धारा 406, 420, 468, 471, 120बी के तहत अपराध दर्ज किया गया है।

बिशप पीसी सिंह पर "द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस' के चेयरमैन रहते हुए जबलपुर के विरूद्ध फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसायटी का नाम परिवर्तन करके करोड़ो की हेराफेरी का आरोप लगा है। पीसी सिंह पर बतौर चेयरमैन पद का दुरूपयोग करते हुए सोसायटी की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में प्राप्त होने वाली छात्रों की फीस का उपयोग धार्मिक संस्थाओं को चलाने का आरोप है।

इसके अलावा धार्मिक सस्थाओं, सम्पत्ति सहित सोसायटी से संबंधित दस्तावेज मिले। इस मामले में शिकायत मिली थी कि सोसायटी की विभन्नि शैक्षणिक संस्थानों से मिलने वालो छात्रों की फीस की राशि का उपयोग धार्मिक संस्थाओं को चलाने एव स्वंय के इस्तेमाल किया जा रहा है।
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