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Last Updated :इंदौर , बुधवार, 4 अप्रैल 2018 (13:07 IST)

मिला राज्य मंत्री का दर्जा, नर्मदा घोटाला रथयात्रा रद्द

मिला राज्य मंत्री का दर्जा, नर्मदा घोटाला रथयात्रा रद्द - Get Minister of State Status, cancled Narmada ghotala rathyatra
इंदौर। मध्यप्रदेश में चुनावी साल में पांच संतों को नर्मदा नदी की रक्षा के लिए राज्यमंत्री के दर्जे से नवाजा गया है। इस घोषणा के बाद संतों ने सूबे की भाजपा सरकार के खिलाफ प्रस्तावित नर्मदा घोटाला रथयात्रा रद्द कर दी है।
 
राज्य सरकार के तीन अप्रैल को जारी आदेश के अनुसार प्रदेश के विभिन्न चिन्हित क्षेत्रों में विशेषतः नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में वृक्षारोपण, जल संरक्षण तथा स्वच्छता के विषयों पर जन जागरूकता का अभियान निरंतर चलाने के लिए 31 मार्च को विशेष समिति गठित की गई है।
 
इस समिति के पांच विशेष सदस्यों-नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, भय्यू महाराज, कम्प्यूटर बाबा और योगेंद्र महंत को राज्यमंत्री स्तर का दर्जा प्रदान किया गया है।
 
बहरहाल, समिति में शामिल इंदौर के कम्प्यूटर बाबा की अगुवाई में एक अप्रैल से 15 मई तक प्रदेश के प्रत्येक जिले में नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकालकर इस नदी की बदहाली का मुद्दा उठाने की रूप-रेखा तय की गई थी। इस मुहिम की प्रचार सामग्री सोशल मीडिया पर वायरल है जिससे पता चलता है कि यह यात्रा नर्मदा नदी में जारी अवैध रेत खनन पर अंकुश लगवाने और इसके तटों पर किए गए पौधारोपण के घोटाले की जांच की प्रमुख मांगों के साथ निकाली जानी थी।
 
राज्यमंत्री का दर्जा हासिल करने के बाद कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि हम लोगों ने यह यात्रा निरस्त कर दी है, क्योंकि प्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए साधु-संतों की समिति बनाने की हमारी मांग पूरी कर दी है। अब भला हम यह यात्रा क्यों निकालेंगे।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या एक संन्यासी के रूप में उनका राज्यमंत्री स्तर की सरकारी सुविधाएं स्वीकारना उचित होगा, उन्होंने जवाब दिया कि अगर हमें पद और दूसरी सरकारी सुविधाएं ​नहीं मिलेंगी, तो हम नर्मदा नदी के संरक्षण का काम कैसे कर पायेंगे। हमें समिति के सदस्य के रूप में नर्मदा नदी को बचाने के लिए जिलाधिकारियों से बात करनी होगी और दूसरे जरूरी इंतजाम करने होंगे। इसके लिए सरकारी दर्जा जरूरी है।
 
जिन योगेंद्र महंत को कम्प्यूटर बाबा के साथ विशेष समिति में शामिल कर राज्यमंत्री का दर्जा प्रदान किया गया है, वह 'नर्मदा घोटाला रथ यात्रा' के संयोजक थे।
 
बहरहाल, राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के बाद महंत ने भी कहा कि नर्मदा नदी को बचाने के लिए समिति बनाए जाने की मांग प्रदेश सरकार द्वारा पूरी किए जाने के कारण यह यात्रा निरस्त कर दी गए है।
 
इस बीच, कांग्रेस ने कम्प्यूटर बाबा और महंत की मंशा पर सवाल उठाए हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा, 'इन दोनों को स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार के साथ कौन-सी डील के तहत नर्मदा घोटाला रथ यात्रा रद्द कर दी है। क्या इन्होंने राज्यमंत्री का दर्जा हासिल करने के लिए ही इस यात्रा का ऐलान किया था।'

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद कांतिलाल भूरिया ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार ने उसके भ्रष्टाचार की पोल खोलने से रोकने के लिए तुष्टिकरण के प्रयास के तहत पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है। भूरिया ने कहा कि संतों ने जब कहा कि वे सरकार के साढ़े छह-सात करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले हैं तो सरकार ने उनका मुंह बंद करने के लिए उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया है। लेकिन, वे तो संत हैं। संतों को कोई लालच नहीं होता और इसलिए मुझे विश्वास है कि वे चुप रहने वाले नहीं हैं।
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