ग्वालियर में CSP हिना खान ने क्यों लगाए जय श्री राम के नारे, एडवोकेट अनिल मिश्रा को सुनाई खरी-खोटी
ग्वालियर हाईकोर्ट की अंबेडकर प्रतिमा स्थापित करने को लेकर शुरु हुआ विवाद अब सनातन के अपमान तक पहुंच गया है। इस बीच ग्वालियर CSP हिना खान का जय श्री राम लगाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में CSP हिना खान, अंबेडकर विवाद से चर्चा में आए एडवोकेट अनिल मिश्रा के बीच पहले तीखी नोंकझोंक होती दिख रही और जब अनिल मिश्रा पूरे विवाद को सनातन के अपमान से जोड़ देते है तो ग्वालियर CSP हिना खान, अनिल मिश्रा की आंख में आंख डालकर जय श्री राम का नारा लगाते नजर आती है।
क्या है पूरा मामला?- पूरा विवाद हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडंपीठ में डॉ. अंबेडकर की प्रतिम लागाने से शुरु हुआ था जिसको लेकर आज (15 अक्टूबर) को कुछ संगठनों ने ग्वालियर में शक्ति प्रदर्शन का एलान किया। इस पूरे विवाद में अंबेडकर पर विवादित टिप्पणी करने वालले बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा जब मंगलवार को अपने समर्थकों के साथ फूलबाग पहुंचे और उनके समर्थक पहले मंदिर के अंदर सुंदरकांड करने की कोशिश की जब पुलिस ने इसे रोक दिया तो एडवोकेट अनिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ सड़क पर टेंट लगाकर सुंदरकांड करने की कोशिश की, इसको लेकर अनिल मिश्रा और मौके पर तैनान CSP हिना खान के बीच बहस शुरु हो गई।
सीएसपी हिना खान ने शहर में धारा 163 लागू होने का हवाला देते हुए किसी भी प्रकार से आयोजन को मना करने से रोक दिया। इस पर एडवोकेट अनिल मिश्रा भडक उठे और उन्हें CSP हिना खान को सनातन धर्म के खिलाफ होने और सनातन का अपमान करने का आरोप लगाते हुए जय श्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिए। सनातन का अपमान की बात सुनते हुए CSP हिना खान ने एडवोकेट अनिल मिश्रा की ओर तेजी से बढ़ते हुए जोर जोर से जय श्री राम के नारे लगाने लगी और अनिल मिश्रा को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि और और क्या?।
ग्वालियर में धारा 163 लागू- सोशल मीडिया पर दलित समेत अन्य संगठनों ने 15 अक्टूबर को ग्वालियर में विरोध प्रदर्शन की घोषणा कर रखी थी जिसको लेकर ग्वालियर जिला प्रशासन ने धारा 163 लागू कर दी है। कलेक्टर की ओर से जारी आदेश के तहत ग्वालियर जिले की सीमा के भीतर किसी भी सार्वजनिक स्थल पर बगैर अनुमति के प्रदर्शन, धरना, रैली, जुलूस, चल समारोह इत्यादि को प्रतिबंधित कर दिया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जिले में इस प्रकार के आयोजन करने के लिये सक्षम अधिकारी से अनिवार्यत: पूर्व अनुमति लेनी होगी।
सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों को चेतावनी- वहीं आदेश के जरिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मसलन फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम व एक्स इत्यादि पर भी भड़काऊ, भ्रामक व सामाजिक समरसता को बिगाड़ने वाली पोस्ट अपलोड करना व फारवर्ड करना भी प्रतिबंधित किया गया है। प्रतिबंधात्मक आदेश के जरिए किसी भी प्रकार के ऐसे कटआउट, बैनर, पोस्टर, फ्लैस, होर्डिंग्स, झंडे व लेखन आदि करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, जिनमें किसी धर्म, व्यक्ति, संप्रदाय, जाति या समुदाय के खिलाफ नारे अथवा अन्य भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया गया हो।