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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: मंगलवार, 20 जून 2023 (10:26 IST)

भोपाल में गायों ने एकजुट हो बाघ को खदेड़ा, बुल मदर फार्म में किया था शिकार

भोपाल में गायों ने एकजुट हो बाघ को खदेड़ा, बुल मदर फार्म में किया था शिकार - Cows unite in Bhopal and drive away the tiger that came for hunting
भोपाल। कहते है कि एकता में बड़ी शक्ति होती है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण राजधानी भोपाल में दिखाई देने को मिला जहां गायों ने मिलकर एक बाघ को खदेड़ दिया। दरअसल राजधानी भोपाल के भदभदा इलाके के मदर बुल फार्म में देर रात एक बाघ घुस गया। बाघ ने फॉर्म हाउस में बैठी एक गाय पर घात लगाकर हमला कर दिया। बाघ के हमला करते हुए गाय तेज आवाज में चिल्लाने लगी, जिसको सुनकर फॉर्म हाउस में बैठी अन्य गाय एकत्र हो गई। अपने आसपास बड़ी संख्या में गायों को इकट्ठा होता देख बाघ अपने शिकार को छोड़कर वापस लौट गया।

इतना ही नहीं बाघ घंटों अपने शिकार के लिए घात लगाए बैठे रहा लेकिन गायों की एकता से उसकी हिम्मत जवाब दे गई और उसको वापस बैरंग लौटना पड़ा। दरअसल गायों ने बाघ की शिकार बनी गाय के पास ऐसा घेरा बनाया कि बाघ की नीचे उतरने की हिम्मत तक नहीं हुई। बाघ और गायों के बीच इस संघर्ष में जब बीच में गाय सुस्ताने लगीं तो बाघ ने एक बार फिर हमला करने की कोशिश, लेकिन इस बार पहले से चौकन्नी गायों ने बाघ को दोबारा खदेड़ दिया।

बाग और गायों के संघर्ष की यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। सीसीटीवी में कैद तस्वीरों के मुताबिक  बाघ ने तकरीबन रात 1 बजे पहला हमला बोला। जिसे गायों ने मिलकर नाकाम कर दिया। इसके बाद गाय घेरा बनाकर खड़ी हो गईं और बाघ नजदीक के टीले पर जाकर बैठ गया। एक घंटे के इंतजार के बाद बाघ ने फिर गाय पर हमला करने का मन बनाया, लेकिन इस बार पहले से सजग गायों ने फिर बाघ को टीले पर वापस लौटने के लिए मजबूर कर दिया। तकरीबन सुबह साढ़े 4 बजे आखिरकार बाघ निराश होकर बगैर शिकार किए वहां से रवाना हो गया।

वहीं इस घटना के बाद बुल मदर फार्म की गायों की सुरक्षा के लिए फैंसिंग को ऊंचा कराया जा रहा है। साथ ही बाघ के मूवमेंट को देखते हुए रात में चौकीदारों की संख्या में इजाफे के साथ ही फॉरेस्ट गार्ड भी तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही बाघ के पंजे और दांत से जख्मी गाय का उपचार कराया गया है और वह खतरे से बाहर है।

गौरतलब है कि बुल मदर फार्म में लगभग 600 गाय हैं, इनमें से केवल 30 गायों को वहां बनी गौशाला में खाने के लिए खुला छोड़ा गया था। इन्ही 30 गायों ने मिलकर बाघ को बगैर शिकार किए भागने पर मजबूर कर दिया।
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