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Last Modified: मंगलवार, 28 जनवरी 2025 (18:17 IST)

OBC आरक्षण पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 87:13 का फॉर्मूला रद्द, मिलेगा 27 फीसदी आरक्षण

OBC आरक्षण पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 87:13 का फॉर्मूला रद्द, मिलेगा 27 फीसदी आरक्षण - Big decision of High Court on OBC reservation in Madhya Pradesh
भोपाल। मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। होईकोर्ट ने अपने पुराने आदेश  87:13 के फार्मूले को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब प्रदेश में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। मंगलवार को  हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की पीठ ने  87:13 के फार्मूले को लेकर यूथ फॉर इक्वलिटी की याचिका को खारिज कर दिया है।

गौरतलब है कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में 87:13 के फार्मूले के कारण शेष पदों पर भर्तियां लंबित थीं। हाईकोर्ट के वकील रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि महाधिवक्ता के अभिमत के आधार पर 4 अगस्त 2023 को हाई कोर्ट ने सभी भर्तियों में 87:13 का फार्मूला लागू किया था। यह निर्णय राज्य में आरक्षण से संबंधित विवाद को हल करने और भर्ती प्रक्रिया को सही ढंग से शुरू करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।

27 प्रतिशत आरक्षण का रास्ता साफ- कोर्ट के इस फैसले के साथ ही प्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। इसके अलावा, भर्तियों में 13 प्रतिशत आरक्षण पर जो रोक लगी हुई थी, उसे हटाने का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है। वकील रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कहा कि हाईकोर्ट के इस निर्णय से अब ओबीसी आरक्षण के तहत 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करके भर्तियों की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा सकती है। इससे ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को बड़ा लाभ होगा, जो लंबे समय से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे। सरकार को आरक्षण नीति के अंतर्गत काम करने में स्पष्टता मिलेगी और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता तथा निष्पक्षता को बढ़ावा मिलेगा।

दरअसल हाईकोर्ट में यूथ फार इक्वलिटी द्वारा दायर याचिका में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि यह आरक्षण संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है और समानता के अधिकार को प्रभावित करता है। हाई कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए याचिका को अस्वीकार कर दिया। हाई कोर्ट ने मंगलवार को दिए गए आदेश में 4 अगस्त, 2023 के आदेश को रद्द करते हुए यह स्पष्ट किया कि ओबीसी आरक्षण पर कोई भी प्रतिबंध नहीं है। कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य में रुकी हुई सभी भर्तियों को फिर से शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है।
 
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