RTO का पूर्व कॉस्टेबल सौरभ शर्मा आखिरकार गिरफ्तार, दावा कोर्ट के बाहर लोकायुक्त पुलिस ने दबोचा, वकील ने बताया गैरकानूनी
भोपाल। करोड़ों की काली कमाई के धनकुबेर आरटीओ के पूर्व कॉस्टेबल सौरभ शर्मा को आखिरकार आज लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आज लोकायुक्त पुलिस ने भोपाल कोर्ट परिसर के बाहर से सौरभ शर्मा को उस वक्त गिरफ्तार किया जब वह अपने कोर्ट जा रहा था। सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी के बाद लोकायुक्त पुलिस उसके लेकर लोकायुक्त कार्यालय पहुंची है जहां उससे पूछताछ हो रही है। दरअसल सोमवार को सौरभ शर्मा ने भोपाल कोर्ट में पेश होकर सरेंडर का आवेदन दिया था जिसके बाद कोर्ट ने सौरभ शर्मा को आज सुबह 11 बजे कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए।
वहीं सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी के बाद उनके वकील ने कहा सौरभ शर्मा को आज कोर्ट के सामने हाजिर होना। कोर्ट में हाजिर होने के लिए जब सौरभ शर्मा आज कोर्ट आ रहा था जब कोर्ट परिसर के बाहर लोकायुक्त पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। सौरभ शर्मा के वकील ने लोकायुक्त की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए कहा इसको लेकर कोर्ट में आवेदन लगाएंगे। इसके साथ उन्होंने सौरभ शर्मा की जान को खतरा बताया है। सौरभ शर्मा को गिरफ्तार करने के बाद लोकायुक्त पुलिस की टीम उसे लेकर चली गई है। वहीं सौरभ शर्मा के वकील ने सौरभ शर्मा को कोर्ट के सामने पेश करने की मांग की है।
गौरतलब है कि सौरभ शर्मा के ठिकानों पर पिछले साल 17 दिसंबर को लोकायुक्त ने छापा मारा था। छापे के बाद सौरभ शर्मा फरार था और उसके दुबई में होने की जानकारी सामने आ रही थी। इस बीच सोमवार को सौरभ शर्मा जांच एजेंसियों को छकाते हुए भोपाल कोर्ट में पहुंचकर कोर्ट के सामने सरेंडर का आवेदन दिया था।
सात साल में करोड़ों की काली कमाई- आरटीओ के पूर्व कॉस्टेबल सौरभ शर्मा ने सात साल की नौकरी में करोड़ों की काली कमाई का साम्राज्य खड़ा किय़ा था। भोपाल में रहने वाले पूर्व ट्रांसपोर्ट कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर जब 17 दिसंबर को लोकायुक्त और इनकम टैक्स की टीम ने कार्रवाई की तो काली कमाई का जखीरा देखकर अधिकारियों के भी होश उड़ गए। अब तक की कार्रवाई में सौरभ शर्मा के ठिकानों से 3 करोड़ रुपए की नगदी,50 लाख रुपए का सोना,दो क्विटंल चांदी की सिल्ली, चांदी के 10 किलो जेवर मिले है। इसके साथ भोपाल में एक निर्माणाधीन बंगला और एक स्कूल , भोपाल, इंदौर और ग्वालियर शहरों में प्रॉपर्टी और घर में नोट गिनने की सात मशीन मिली। सौरभ शर्मा ने महज सात साल ही नौकरी में करोड़ों की काली कमाई का साम्राज्य खड़ा किया।
सोना लदी लावरिस कार से सौरभ शर्मा का कनेक्शन-भोपाल में मेंडोरी गांव से जिस एसयूवी गाड़ी से 54 किलो सोना और 10 करोड़ बरामद हुआ है वहां सौरभ शर्मा के करीबी चेतन सिंह गौर के नाम पर रजिस्टर्ड है। सौरभ शर्मा मूल रूप से मध्य प्रदेश के ग्वालियर का रहने वाला है. जबकि उसका दोस्त चेतन गौर भी ग्वालियर का ही रहने वाला है। ग्वालियर के आरटीओ नंबर से रजिस्टर्ड जिस इनोवा क्रिस्टा से 54 किलो सोना और 10 करोड़ नगद मिला है, उसका उपयोग सौरभ सिंह ही करता है। बताया जा रहा है कि चेतन सिंह, सौरभ शर्मा का बेहद नजदीकी है। सौरभ शर्मा के साथ बतौर ड्राइवर का काम शुरू करने वाले चेतन सिंह आज सौरभ सिंह का सबसे बड़ा राजदार है और सौरभ के रियल एस्सटेट से जुड़े काम वहीं संभाल रहा है। परिवहन विभाग से लेकर कारोबार में चेतन सिंह ने जिम्मेदारी संभाल रखी थी। मूल रूप से ग्वालियर का रहने वाले चेतन सिंह करीब छह साल पहले ग्वालियर से भोपाल शिफ्ट हो गया था।
सौरभ ने महज 12 साल की नौकरी में प्रदेशभर में करोड़ों की अवैध कमाई से जमीनों और कारोबार का साम्राज्य खड़ा कर लिया। परिवहन महकमें से नौकरी छोड़ने से पहले ही वह रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ गया था। मूल रूप से ग्वालियर निवासी सौरभ को अपने डॉक्टर पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। महज कुछ साल की नौकरी में ही उसका रहन-सहन बदल गया था। इसकी शिकायत परिवहन विभाग सहित अन्य जांच एजेंसियों पर की जाने लगीं तो सौरभ ने वीआरएस लेने ले लिया. इसके बाद भोपाल के कई नामचीन बिल्डरों के साथ प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट करने लगा।