भोपाल का इस्लाम नगर अब कहलाएगा जगदीशपुर, भोपाल को भोजपाल करने की भी मुहिम तेज
भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी साल में एक बार फिर नाम बदलने की सियासत शुरु हो गई है। राजधानी भोपाल के इस्लामनगर का नाम अब जगदीशपुर कर दिया गया है। सरकार ने इस्लाम नगर का नाम जगदीशपुर करने का गजट नोटिफिकेशन भी जा कर दिया। इससे पहले भोपाल से सटे होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम और बाबई का नाम माखन नगर करने का फैसला सरकार कर ही चुकी है।
राजधानी भोपाल शहर से 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित इस्लामनगर एक ऐतिहासिक स्थल है और यहां काफी संख्या में पर्यटक घूमने-फिरने पहुंचते है। बताया जाता है कि 17वीं शताब्दी में जगदीशपुर पर औरंगजेब की सेना के भगोड़े सैनिक दोस्त मोहम्मद खान ने आक्रमण किया था और इसका नाम बदलकर इस्लाम नगर कर दिया था। अब गजट नोटिफिकेशन के बाद अब फंदा जनपद स्थित ग्राम पंचायत इस्लाम नगर अपने पुराने नाम जगदीशपुर के नाम से जानी जाएगी। इस्लामनगर का नाम बदलने की मुहिम कई दशक पुरानी है और स्थानीय लोगों के साथ भाजपा से जुड़े जनप्रतिनिधि लंबे समय से नाम बदलने की मांग कर रहे थे। इस्लाम नगर का नाम जगदीशपुर होने पर के बाद इसको भुनाने की तैयारी शुरु हो गई है।
भोपाल का नाम भोजपाल करने की मुहिम तेज-मध्यप्रदेश में नाम बदलो अभियान के तहत इन दिनों ऐतिहासिक स्थलों, इमारतों, कस्बों और शहरों का नामकरण नामकरण संस्कार का सिलसिला जारी है, तो दूसरी ओर नाम बदलने की सियासत में भोपाल का नाम भोजपाल करने की मुहिम भी तेज हो गई है। बीत दिनों भोपाल में प्रवचन करने आए रामभद्राचार्य ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भोपाल का नाम भोजपाल करने की मांग की। इतना ही नहीं रामभद्रचार्य ने कहा कि जब तक भोपाल का नाम भोजपाल नहीं होगा वहीं भोपाल में कथा करने नहीं आएंगे।
शिवराज सरकार में बीते साल में नाम बदलने की सियासत काफी देखी गई थी। राजधानी भोपाल में नाम बदलने की शुरुआत हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर रखने से हुई थी। इसके बाद राजधानी के ऐतिहासिक मिंटो हाल का नाम खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुशाभाऊ ठाकरे हाल करने का एलान कर दिया था। वहीं इंदौर के पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम टंट्या मामा, इंदौर के भंवरकुआं चौराहे और एमआर टेन बस अड्डा का नामकरण भी टंट्या मामा के नाम से कर दिया गया। वहीं मंडला के महिला पॉलिटेक्निक का नाम रानी फूलकुंवर के नाम पर होगा तो मंडला की कंप्यूटर सेंटर और लाइब्रेरी भी अब शंकर शाह ओर रघुनाथ शाह के नाम पर जानी जायेगी।