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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : सोमवार, 27 जून 2022 (19:01 IST)

मध्यप्रदेश के निकाय चुनाव में ओवैसी की एंट्री, जबलपुर और भोपाल में करेंगे चुनावी सभा

मध्यप्रदेश के निकाय चुनाव में ओवैसी की एंट्री, जबलपुर और भोपाल में करेंगे चुनावी सभा - Asaduddin Owaisi entry in the civic elections of Madhya Pradesh
भोपाल। मध्यप्रदेश में हो रहे नगरीय निकाय चुनाव में अब असदुद्दीन ओवैसी की भी एंट्री होने जा रही है। एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में प्रचार करने के लिए आज मध्यप्रदेश के दौरे पर पहुंच रहे है। आज सबसे पहले ओवैसी जबलपुर पहुंचेगें जहां वह सुब्बाह शाह मैदान में पार्टी चुनाव प्रचार के अभियान का शंखनाद करेंगे। गौरतलब है कि प्रदेश की सात नगर निगम भोपाल,जबलपुर, खरगौन, बुरहानपुर, खंडवा और रतलाम में ओवैसी की पार्टी चुनाव लड़ रही है। 
 
ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने नगरीय निकाय चुनाव में जबलपुर के 7 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं। पार्टी ने रविनाथ टैगोर वार्ड, शास्त्री वार्ड, मोतीलाल नेहरू वार्ड, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद वार्ड, संजय गांधी वार्ड, खेरमाई वार्ड तथा तिलक वार्ड में अपने उम्मीदवारों का उतारा है। वहीं मंगलवार को ओवैसी राजधानी भोपाल में निकाय चुनाव के लिए प्रचार के लिए पहुंचेंगे जहां पर वह जहांगीराबाद, बाग फरहत और 80 फीट रोड इलाके में चुनाव प्रचार करेंगे।। 
निकाय चुनाव में ओवैसी की एंट्री पर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में असदुद्दीन ओवैसी का स्वागत है। उन्होंने कहा कि ओवैसी किस तरह विभाजन की राजनीति करते हैं इसको प्रदेश की जनता अच्छी तरह जानती है। मध्यप्रदेश की जनता ने भाजपा को जिताने का मन बना चुकी है अब चाहे ओवैसी आए या केजरीवाल।

ओवैसी की नजर 2023 विधानसभा चुनाव पर-मध्यप्रदेश में निकाय चुनाव जो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के फाइनल मुकाबले से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखे जा रहे निकाय चुनाव में ओवैसी की पार्टी का चुनाव लड़ना दरअसल 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी है। ऐसे में अगर नगरीय निकाय चुनाव में ओवैसी की पार्टी को माइलेज मिलता है तो मध्यप्रदेश में 2023 का चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय होगा। जहां पर भाजपा और कांग्रेस के साथ ओवैसी की पार्टी भी चुनाव लड़ेगी जोकि कुछ सीटों पर गेमचेंजर साबित हो सकती है। वहीं ओवैसी की पार्टी निकाय चुनाव में कांग्रेस के लिए एक बड़ा खतरा हो सकती है।