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  4. Why is Rahul Gandhi emphasizing on caste based census?
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Last Updated :ब्यौहारी (मध्यप्रदेश) , मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023 (20:23 IST)

राहुल गांधी क्यों दे रहे हैं जाति आधारित जनगणना पर जोर, चुनाव में कितना मिलेगा फायदा?

मध्यप्रदेश के ब्यौहारी में राहुल ने साधा भाजपा पर निशाना

Rahul Gandhi
Rahul Gandhi's target on BJP: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को जाति आधारित जनगणना (caste-based census) को देश का 'एक्स-रे' करार देते हुए कहा कि यह अन्य पिछड़ा वर्ग (OBCs), दलितों और आदिवासियों की दशा को उजागर करेगा, जो कि 'घायल' हैं। उन्होंने कहा कि 'चाहे कुछ भी हो' उनकी पार्टी केंद्र को इस कवायद को संपन्न कराने के लिए मजबूर करेगी।
 
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर नहीं बोलने का भी आरोप लगाया। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के एक दिन बाद प्रदेश के शहडोल जिले के ब्योहारी में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि भाजपा शासित मध्यप्रदेश 'भाजपा और आरएसएस की प्रयोगशाला' है।
 
उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना देश का 'एक्स-रे' है। देश के आदिवासी, दलित, ओबीसी घायल हैं। आइए जांच करें। इससे तस्वीर साफ हो जाएगी। गांधी ने कहा कि देश में ओबीसी, दलित और आदिवासियों की स्थिति का सच जानने के लिए हम केंद्र सरकार को जाति आधारित जनगणना कराने के लिए मजबूर करेंगे। राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में हमारी सरकारों ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू का दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जाति आधारित जनगणना की बात इसलिए कर रही है, क्योंकि अनुसूचित जाति, ओबीसी और आदिवासियों को उनका उचित अधिकार मिलना चाहिए।
 
सत्ता में आने पर जाति आधारित जनगणना कराएंगे : गांधी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद मध्यप्रदेश में जाति आधारित जनगणना भी कराई जाएगी, क्योंकि कांग्रेस आदिवासियों और ओबीसी को उचित अधिकार देना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कांग्रेस द्वारा की गई जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी करने की 'चुनौती' दी, लेकिन वह इसके बारे में बात करने के बजाय पाकिस्तान, अफगानिस्तान और दक्षिण के बारे में बात करते हैं।
 
गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि जाति आधारित जनगणना पर बोलें। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि केवल 90 शीर्ष अधिकारी देश चलाते हैं और बजट को नियंत्रित करते हैं, लेकिन उनमें से केवल 3 लोग ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के हैं। उन्होंने दावा किया किया ये (ओबीसी) अधिकारी बजट का केवल 5 प्रतिशत नियंत्रित करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासी अधिकारी केवल 10 पैसे के बारे में निर्णय लेते हैं।
 
ओबीसी युवा बेरोजगार क्यों हैं? : गांधी ने सभा में पूछा कि ओबीसी युवा बेरोजगार क्यों हैं? उन्होंने खुद ही सवाल का जवाब देते हुए कहा कि क्योंकि आप (ओबीसी) हिन्दुस्तान की सरकार नहीं चला रहे हैं और फैसले नहीं ले रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा लिखी गई एक किताब का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा कि किताब में उल्लेख किया गया है कि गुजरात नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रयोगशाला है।
 
उन्होंने राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि लेकिन मध्यप्रदेश मृत व्यक्तियों के इलाज, व्यापमं, बच्चों के मध्याह्न भोजन, आदिवासियों और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार जैसे कई घोटालों की प्रयोगशाला है। उन्होंने कहा कि उन्होंने (भाजपा सरकार) भगवान शिव को भी नहीं बख्शा और उज्जैन में प्रसिद्ध भगवान महाकाल मंदिर के गलियारे, महाकाल लोक के विकास में अनियमितताएं कीं।
 
प्रतिदिन 3 किसान आत्महत्या करते हैं : गांधी ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में प्रतिदिन औसतन 3 किसान आत्महत्या करते हैं और आदिवासियों का अपमान किया जाता है। एक भाजपा नेता ने एक आदिवासी पर पेशाब कर दिया जबकि पटवारी भर्ती परीक्षा में पद बेचे जाते हैं। कांग्रेस नेता ने आगे दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी आदिवासियों को 'वनवासी' बताते थे लेकिन उन्होंने (गांधी ने) उन्हें 'आदिवासी' शब्द का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर किया है।
 
गांधी ने कहा कि 'आदिवासी' और 'वनवासी' शब्दों में अंतर है। 'आदिवासी' का अर्थ है, वे लोग जो पहले हिंदुस्तान आए और जो इस भूमि के मालिक हैं, जबकि वनवासी वे हैं, जो जंगल में रहते हैं। गांधी ने 'वनवासी' शब्द के इस्तेमाल के पीछे की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि कोविड-19 महामारी के दौरान मध्यप्रदेश में आदिवासियों को सड़ा हुआ अनाज दिया गया।
 
गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने 'पेसा और वन अधिकार अधिनियम' लाया था जिसके तहत केवल ग्रामसभा ही जमीन देने के बारे में निर्णय ले सकती है, लेकिन भाजपा ने कहा कि अनुमति लेने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में आदिवासियों को दिए गए 3.50 लाख पट्टे रद्द कर दिए गए और बलप्रयोग से उन्हें बेदखल करके उनकी जमीन छीन ली गई।
 
गांधी ने कहा कि उन्होंने (सोमवार को) एक संवाददाता सम्मेलन में भाग लेने वाले पत्रकारों से पूछा था कि उनमें से ओबीसी, आदिवासी और दलित कौन हैं? उन्होंने कहा कि लेकिन वहां मौजूद 200-300 लोगों में से किसी ने भी हाथ नहीं उठाया। यह ओबीसी युवाओं की भागीदारी का सवाल है।
 
महिलाओं को मिलेंगे प्रतिमाह 1,500 रुपए : गांधी ने कहा कि अगर कांग्रेस मप्र में सत्ता में आई तो महिलाओं को उनके बैंक खातों में प्रतिमाह 1,500 रुपए मिलेंगे। उन्होंने कहा कि रसोई गैस का सिलेंडर 500 रुपए में उपलब्ध कराया जाएगा जबकि 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी तथा तेंदूपत्ता तोड़ने में लगे मजदूरों की मजदूरी बढ़ाकर 4,000 रुपए की जाएगी।
 
मध्यप्रदेश की सभी 230 सीटों पर एक ही चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा। कांग्रेस ओबीसी मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए जाति आधारित जनगणना को अपने मुख्य चुनावी मुद्दे के रूप में पेश कर रही है। मध्यप्रदेश में ग्वालियर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कहा कि विपक्षी दल ने गरीबों की भावनाओं के साथ खेला है और 6 दशकों तक देश को जाति के आधार पर बांटा।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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