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Last Updated : गुरुवार, 16 नवंबर 2023 (10:06 IST)

MP में 230 सीटों पर थमा चुनावी शोर : PM मोदी ने 15 तो CM शिवराज ने कीं 160 सभाएं, राहुल-प्रियंका ने भी लगाया जोर

MP में 230 सीटों पर थमा चुनावी शोर : PM मोदी ने 15 तो CM शिवराज ने कीं 160 सभाएं, राहुल-प्रियंका ने भी लगाया जोर - PM Modi held 15 meetings while CM Shivraj held 160 meetings, Rahul-Priyanka also stressed
Madhya Pradesh Assembly Elections 2023 : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आज शाम सभी 230 क्षेत्रों में चुनाव प्रचार अभियान की निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के साथ ही चुनावी शोरगुल थम गया। राज्य में चुनाव प्रचार अभियान और इसका शोरगुल आज शाम 6 बजे थम गया। अब शुक्रवार को मतदान तक विभिन्न दल और प्रत्याशी चुनावी सभाएं और रोड शो आदि नहीं कर सकेंगे। हालाकि प्रत्याशी जनसंपर्क कर सकेंगे। नई सरकार के गठन को लेकर तस्वीर 3 दिसंबर को मतगणना के साथ साफ हो जाएगी। 
 
पीएम मोदी ने की 15 सभाएं : चुनाव प्रचार अभियान के अंतिम दिन भाजपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही विभिन्न दलों के नेताओं ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी। लगभग एक पखवाड़े तक चले चुनाव अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने 14, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने 21 और अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने चुनावी सभाएं कीं। 
 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले माह से अब तक लगभग 160 चुनावी सभाएं की हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने 55 सभाओं को संबोधित किया। पार्टी के अन्य स्टार प्रचारकों ने भी सभाओं की झड़ी लगा दीं।
 
दूसरी ओर कांग्रेस की तरफ से वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और अन्य नेताओं ने भी चुनावी सभाएं कीं। 
चुनावी समर में बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और अन्य नेताओं ने भी राज्य में चुनाव प्रचार किया।
 
7 बजे से शुरू होगा मतदान : राज्य में सभी 230 क्षेत्रों में मतदान के लिए 17 नवंबर शुक्रवार का दिन निर्धारित है। मतदान सुबह सात बजे प्रारंभ होकर शाम 6  बजे तक चलेगा। हालाकि नक्सली प्रभावित बालाघाट, डिंडोरी और मंडला जिले के संबंधित नक्सली क्षेत्रों में स्थित मतदान केंद्रों में मतदान की प्रक्रिया सुबह सात बजे प्रारंभ होकर दिन में तीन बजे तक संपन्न कराई जाएगी। 
 
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने सभी 230 सीटों पर निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से मतदान कराने के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। 
 
कितने मतदाता : राज्य के 5 करोड़ 60 लाख से अधिक मतदाता 65 हजार पांच सौ से अधिक मतदान केंद्रों पर पहचानपत्र के साथ पहुंचकर मतदान कर सकेंगे। उन्होंने सभी मतदाताओं से मतदान की प्रक्रिया में शामिल होने की अपील की है। विधानसभा चुनाव में कुल 2533 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 2280 पुरुष, 252 महिलाएं और एक अन्य (थर्ड जेंडर) प्रत्याशी शामिल हैं।
 
मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान बुधनी से, पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ छिंदवाड़ा से और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दिमनी से, प्रहलाद पटेल नरसिंहपुर से और फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला जिले के निवास से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर एक क्षेत्र से तथा चार सांसद, राज्य सरकार के दो दर्जन से अधिक मंत्री और अन्य प्रमुख नेता भी चुनावी दंगल में ताल ठोक रहे हैं।
 
2533 उम्मीदवार मैदान में : आधिकारिक आकड़ों के अनुसार कुल 2533 प्रत्याशियों में भाजपा और कांग्रेस के 230-230 के अलावा बसपा के 181, सपा के 71 और 1166 निर्दलीय प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मतदाताओं की कुल संख्या पांच करोड़ 60 लाख 58 हजार से अधिक है, जिनमें दो करोड़ 87 लाख 82 हजार से ज्यादा पुरुष और दो करोड़ 71 लाख, 99 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं। अन्य मतदाता यानी थर्ड जेंडर की संख्या 1292 है।
 
किसी को नहीं मिला था बहुमत : 15वीं विधानसभा के गठन के लिए 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत (216 सीट) नहीं मिला था। उस समय कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और उसने अन्य दलों के साथ मिलकर दिसंबर 2018 में राज्य में 15 सालों बाद कांग्रेस की सरकार बनायी थी। 
 
तब मुख्यमंत्री के रूप में  कमलनाथ ने शपथ ली थी। भाजपा को 109 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था और उसके हाथ से सत्ता चली गयी थी। इसके अलावा चार निर्दलीयों के साथ ही बसपा के दो और सपा के एक प्रत्याशी ने विजय हासिल की थी।
rahul gandhi
सिंधिया ने बदला था पाला : मार्च 2020 में तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने समर्थक विधायकों के दलबदल के कारण कांग्रेस सरकार गिर गयी थी और भाजपा फिर से सत्ता में आ गई। इसके बाद हुए उपचुनावों के चलते विधानसभा में वर्तमान में भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़कर 127 और कांग्रेस सदस्यों की संख्या घटकर 96 हो गई है।