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Last Updated : रविवार, 28 अप्रैल 2024 (15:12 IST)

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने क्यों दिया इस्तीफा?

arvinder singh lovely
Arvinder singh lovely : लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को झटका देते हुए वरिष्ठ नेता अरविंदर सिंह लवली ने पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और इसकी एक वजह आम आदमी पार्टी से गठबंधन को बताया। 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई ‘आप’ के साथ गठबंधन के खिलाफ थी लेकिन फिर भी उन्होंने सार्वजनिक रूप से इसका समर्थन किया और यह सुनिश्चित किया कि पूरी इकाई आलाकमान के आदेश का पालन करें।
 
उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस इकाई ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर बनी...पार्टी के आधे कैबिनेट मंत्री अभी भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में हैं।
 
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को शनिवार को भेजे इस्तीफा पत्र में लवली ने कहा कि दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए सभी फैसलों पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) प्रभारी दीपक बाबरिया ने एकतरफा वीटो कर दिया।
 
लवली के इस्तीफे से कुछ दिन पहले बाबरिया के साथ विवाद के बाद दिल्ली के पूर्व मंत्री और एआईसीसी सदस्य राजकुमार चौहान ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
 
खरगे को लिखे पत्र में लवली ने कहा कि भारी मन से मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूं कि मैं लाचार महसूस कर रहा हूं और दिल्ली पार्टी इकाई का अध्यक्ष बने रहने में असमर्थ हूं।
 
उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं की मदद करने के एकमात्र उद्देश्य से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के अध्यक्ष की भूमिका को कृतज्ञतापूर्वक स्वीकार किया था, जिनके साथ मेरा बेहद करीबी और जीवन भर का जुड़ाव रहा है।
 
उन्होंने कहा कि चूंकि, मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा नहीं कर सकता हूं तो मुझे इस पद पर बने रहने की कोई वजह नजर नहीं आ रही है। अत: अत्यंत खेद और भारी मन से मैं अरविंदर सिंह लवली डीपीसीसी अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा देता हूं।
 
कन्हैया कुमार से भी नाराज हैं लवली : अरविंदर सिंह लवली ने धन शोधन के आरोपों में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तारीफ करने के लिए उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस के उम्मीदवार कन्हैया कुमार की भी आलोचना की।
 
उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार भी पार्टी के रुख और स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के विचारों के विपरीत दिल्ली के मुख्यमंत्री की झूठी प्रशंसा करते हुए मीडिया में बयानबाजी कर रहे हैं।
 
ऐसा लगता है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार इस तथ्य से अनभिज्ञ हैं कि दिल्ली में आप शासन के तहत स्कूलों, अस्पताल और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की स्थिति शीला दीक्षित जी की कांग्रेस सरकार में हुए विकास कार्यों की तुलना में बहुत खराब हो गई है।

लवली ने यह भी कहा कि वह पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद पर बने रहने में असमर्थ हैं क्योंकि दिल्ली के वरिष्ठ कांग्रेस नेता द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए सभी फैसलों को एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने एकतरफा तरीके से रद्द कर दिया।
 
क्या है दिल्ली कांग्रेस का हाल : उन्होंने कहा कि डीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में मेरी नियुक्ति के बाद से, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने मुझे डीपीसीसी में वरिष्ठ पद पर नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी है।
 
डीपीसीसी के मीडिया प्रमुख के तौर पर एक वरिष्ठ नेता की नियुक्ति के मेरे अनुरोध को सिरे से नकार दिया गया। अभी तक, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने डीपीसीसी को शहर में सभी मंडल अध्यक्षों को नियुक्त करने की अनुमति नहीं दी है। परिणामस्वरूप, दिल्ली में 150 से अधिक मंडलों में कोई अध्यक्ष नहीं है।
 
कौन हैं अरविंदर सिंह लवली : लवली 1998 में गांधी नगर से विधायक के रूप में निर्वाचित हुए थे। वह दिल्ली में कांग्रेस सरकार में परिवहन, शिक्षा, शहरी विकास और राजस्व मंत्री भी रहे। कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली सीट से भाजपा के गौतम गंभीर और ‘आप’ की आतिशी के खिलाफ लवली को उम्मीदवार बनाया था। उन्हें पिछले साल अगस्त में दिल्ली कांग्रेस प्रमुख नियुक्त किया गया था। 
Edited by : Nrapendra Gupta 
 
Edited by : Nrapendra Gupta 
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