इंदौर में ताई-भाई की साख की लड़ाई में फंसा बीजेपी का लोकसभा का टिकट
भोपाल। इंदौर लोकसभा सीट पर बीजेपी में टिकट को लेकर बड़ा टकराव खड़ा होता दिखाई दे रहा है। टिकट को लेकर एक बार फिर ताई-भाई के बीच पेंच फंस गया है।
अब जब लगभग ये तय हो गया है कि पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में किसी 75 पार के नेता को लोकसभा का टिकट नहीं देगी तो 76 साल की वर्तमान सांसद सुमित्रा ताई की दावेदारी अपने आप लगभग खत्म हो गई है, लेकिन ताई अब भी चुनाव लड़ने पर अड़ी हुई है।
इस बीच मंगलवार को इंदौर में जिला पार्टी कार्यालय में बैठक के दौरान सुमित्रा महाजन का एक बयान काफी सुर्खियों में रहा,बैठक के दौरान सुमित्रा महाजन ने कहा कि वो सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सीट खाली करेगी हलांकि बाद में सुमित्रा महाजन ने इसके मजाक में कहीं बात बताकर पूरे मुद्दें को टाल दिया। लेकिन सुमित्रा महाजन भले ही इसे मजाक में कही बात बता रहीं हो लेकिन सुमित्रा महाजन के तेवर देखकर साफ है कि वो इंदौर से पार्टी के टिकट के सबसे प्रबल दावेदार कैलाश विजयवर्गीय का खुलकर विरोध करने का मन बना लिया है।
ताई के रुख को देखकर साफ है कि एक बार फिर इंदौर में ताई-भाई की साख की लड़ाई में टिकट फंस गया है। इंदौर शहर की सियासत में ताई-भाई की सियासी अदावत काफी पुरानी है जो इस बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले खुलकर सामने आई गई है।
कुछ दिन पहले इंदौर में पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण सत्तन भी सुमित्रा महाजन के विरोध में खुलकर आ गए थे। सत्तन ने ऐलान कर रखा है कि पार्टी सुमित्रा महाजन की जगह कैलाश विजयवर्गीय या मालिनी गौड़ को टिकट दें तभी वो चुप बैठेंगे नहीं तो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।