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Last Updated : सोमवार, 11 मार्च 2019 (11:50 IST)

लोकसभा चुनाव 2019 : जानिए क्या है आदर्श चुनाव आचार संहिता

लोकसभा चुनाव 2019 : जानिए क्या है आदर्श चुनाव आचार संहिता - Election code of conduct
लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। लोकसभा चुनाव 7 चरण में होंगे। 11 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होगा। 23 मई को मतगणना होगी। तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। जानिए क्या होती है चुनाव आचार संहिता और राजनीतिक दलों के लिए क्या हैं इसके मायने।
 
चुनाव आचार संहिता चुनावों से पहले राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए चुनाव आयोग का एक दिशा-निर्देश है। इस संहिता के लागू करने का उद्देश्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना होता है। सत्तारुढ़ दलों के लिए चुनाव आचार संहिता लागू होने का बड़ा मतलब होता है। इस आचार संहिता का उद्देश्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना होता है।
 
केंद्र सरकार हो या किसी भी प्रदेश की सरकार, न तो कोई घोषणा कर सकती है, न शिलान्यास, न लोकार्पण और न ही भूमिपूजन। सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन नहीं होता, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ होता हो। चुनाव आयोग ऐसे कार्यों की निगरानी के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करता है। 
 
चुनाव आचार संहिता चुनाव आयोग के बनाए वे नियम हैं, जिनका पालन करना हर पार्टी और उम्मीदवार के लिए आवश्यक होता है। इनका उल्लंघन करने पर कठोर सजा के प्रावधान हैं। इनके उल्लंघन पर चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है। एफआईआर हो सकती है और उम्मीदवार को जेल जाना पड़ सकता है।
 
चुनाव के दौरान कोई भी मंत्री सरकारी दौरे को चुनाव के लिए प्रयोग नहीं कर सकता। सरकारी संसाधनों का किसी भी तरह चुनाव के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता। यहां तक कि कोई भी सत्ताधारी नेता सरकारी वाहनों और भवनों का चुनाव के लिए प्रयोग नहीं कर सकता है।
 
प्रत्याशियों और पार्टी को जुलूस निकालने या रैली और बैठक करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेना होती है। जानकारी निकटतम थाने में देनी होती है। सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देना होती है।