कुंडली में सबसे लोकप्रिय है बुधादित्य योग
* बुधादित्य योग से जानिए अपने करियर के राज
* क्या होता है बुधादित्य योग, कैसा होता है फल
सूर्य आत्मा का कारक ग्रह है। ज्योतिष शास्त्र में तो सूर्य ही सबसे प्रधान ग्रह है। चराचर जगत में सूर्य का ही प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। सूर्य पाप ग्रह न होकर क्रूर ग्रह है। क्रूर एवं पापी में बड़ा अंतर होता है।
क्रूर तो शुभ-अशुभ सभी कार्यों में रूखापन दिखाते हुए लक्ष्य में पवित्रता बनाए रखता है लेकिन पापी भाव अच्छा नहीं माना जाता है। बुध ग्रह सूर्य के सबसे निकट है और इसीलिए उसका पुरुषत्व समाप्त हो गया। लेकिन बुध भी अपना प्रभाव अन्य ग्रहों के सान्निध्य की अपेक्षा सूर्य के साथ होने पर विशेष प्रदान करता है।
जन्मांग चक्र में प्राय: 70 प्रतिशत संभावना सूर्य, बुध के एक साथ बने रहने की ही होती है। बुधादित्य नाम से विख्यात यह योग अलग-अलग भावों में अतिविशिष्ट फल प्रदान करने वाला होता है।
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