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Last Updated : मंगलवार, 14 अप्रैल 2020 (10:06 IST)

कोरोना: जानवरों की भूख मिटाते लोग

कोरोना: जानवरों की भूख मिटाते लोग - People hunger for animals
नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर के पास रहने वाले सैकड़ों जानवरों को मंदिर आने वाले श्रद्धालु खाना खिला देते थे, लेकिन तालाबंदी की वजह से अब उन्हें कोई खाना खिलाने वाला नहीं है। हालांकि अब कुछ लोगों ने इन जानवरों की सुध ली है। श्रद्धालु गाय और बंदर को भोजन करा रहे हैं।
 
नेपाल में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तालाबंदी लागू है। देश की राजधानी काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के पास रहने वाले सैकड़ों जानवरों की भूख को दूर करने के लिए कुछ लोग सामने आए हैं। इन लोगों में कुछ वॉलंटियर्स, कुछ गार्ड और दर्जनभर कर्मचारी शामिल हैं।
 
ये लोग हर सुबह जानवरों को खाना परोसते हैं। कोरोना वायरस के फैलने और तालाबंदी के पहले तक पशुपतिनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालु ही इन जानवरों का ख्याल रखते थे, तालाबंदी की वजह से लोग अब घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं और मंदिर भी बंद है। हालत यह हो गई थी कि जानवर भूखे मर रहे थे।
पशुपतिनाथ विकास ट्रस्ट के अधिकारी प्रदीप ढकल कहते हैं कि हमारी कोशिश है कि जानवर भूखे न रहें और उनका ध्यान रखा जाए। पशुपतिनाथ विकास ट्रस्ट मंदिर और उसके आसपास की देखरेख करता है। नेपाल में 24 मार्च को तालाबंदी लागू हुई जिसके बाद सभी फ्लाइट्स, सड़क परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया गया, सभी बाजार बंद कर दिए गए और स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी दे दी गई। तालाबंदी के पहले तक मंदिर आने वाले श्रद्धालु गाय को खाना खिलाते आए थे।
 
हिन्दू धर्म में गाय पवित्र मानी जाती है। मंदिर परिसर में रहने वाले बंदरों को भी श्रद्धालु खाना परोसते थे। मंदिर के रास्ते पर गाय खड़ी है और बंदर मंदिर के बगल में पहाड़ों में आजादी के साथ घूम रहे हैं।
बागमती नदी के किनारे मक्के के दाने डाले गए हैं ताकि कबूतरों को भूखा न रहना पड़े। वॉलंटियर्स दस्ताने और मास्क के साथ बंदरों को बारी-बारी से भोजन दे रहे हैं और बंदर भी कतार में लगकर भोजन का इंतजार कर रहे हैं। जानवरों के लिए भोजन तैयार करने में 4 से 6 बोरी अनाज की जरूरत पड़ती है।
 
निवेश दुगर कहते हैं कि बंदरों ने वॉलंटियर्स पर हमला नहीं किया है, लेकिन उसी दौरान एक बड़ा बंदर खाने के थैले को झपट लेता है। पर्यावरण इंजीनियर दुगर कहते हैं कि हमारी कोशिश है कि जानवर किसी तरह से जीवित रहें। कोरोना वायरस के संकट के समय में तरह-तरह की खबरें आ रही हैं। अधिकतर खबरें नकारात्मक हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो दया और बलिदान दिखा रहे हैं।
 
एए/सीके (एपी)
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