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Written By DW
Last Updated : बुधवार, 9 अक्टूबर 2024 (07:43 IST)

हरियाणा में बीजेपी की जीत ने सभी एग्जिट पोलों को हराया

nayab saini with mohan lal badoli
चारु कार्तिकेय
Haryana election results : बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों में से 48 सीटों पर जीत हासिल की है, जो कि पार्टी के पिछले प्रदर्शन से भी बेहतर है। 2019 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने सिर्फ 40 सीटें हासिल की थीं, जो सरकार बनाने के लिए भी पर्याप्त नहीं थीं। इस बार पार्टी ने 45 के जादुई आंकड़े से तीन सीटें ज्यादा हासिल की हैं।
 
कांग्रेस ने भी 2019 के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन तो किया, लेकिन जीत के लिए जितनी सीटों की जरूरत थी उतनी जुटा नहीं पाई। पार्टी ने 37 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि 2019 में वह सिर्फ 31 सीटें जीत पाई थी। मतदान के बाद लगभग सभी एग्जिट पोलों ने भी कांग्रेस की जीत का अनुमान लगाया था, जो गलत साबित हुए। दो सीटें इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) ने और तीन सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती हैं।
 
बीजेपी ने सत्ता-विरोधी लहर को हराया
चुनावों से पहले कई विश्लेषकों की राय थी कि प्रदेश में 10 साल से सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ मजबूत विरोधी लहर है। मार्च 2024 में बीजेपी ने मुख्यमंत्री भी बदला था। 10 साल से मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल खट्टर से इस्तीफा दिलाकर नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
 
तब इसे संकेत माना गया था कि पार्टी खुद स्वीकार कर रही है कि प्रदेश में उसके खिलाफ लहर है और इसके मद्देनजर उसे कुछ कदम उठाने की जरूरत है। हालांकि, चुनाव के नतीजों ने इन सभी अनुमानों को गलत साबित कर दिया है। वरिष्ठ पत्रकार उमाकांत लखेड़ा का कहना है कि यह वाकई चकित करने वाला नतीजा है। उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "यह नतीजा मेरे चार दशक के पत्रकारिता के करियर का सबसे चौंकाने वाला नतीजा है। जमीन से आई रिपोर्टों में से 90 प्रतिशत में बीजेपी के जीतने की संभावना नहीं थी।"
 
लखेड़ा कहते हैं, "इसके पीछे कई कारण थे। एक तो किसान आंदोलन का असर था, दूसरा महिला पहलवालों के साथ बदसलूकी का मुद्दा था। इसके अलावा पूरे राज्य में बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे भी थे।" तमाम कयासों से इतर इनमें से कोई भी मुद्दा बीजेपी को सत्ता से हटा नहीं पाया।
 
कांग्रेस की कमजोरी
वोट शेयर के मामले में दोनों मुख्य पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर रही। बीजेपी को जहां 39.09 प्रतिशत वोट मिला, वहीं कांग्रेस को 39.10 प्रतिशत वोट मिले। कांग्रेस इन नतीजों से इतनी स्तब्ध है कि उसने नतीजों को मानने से इंकार कर दिया है।
 
दरअसल सुबह जब वोटों की गिनती की शुरुआत हुई, तो कांग्रेस आगे चल रही थी। कुछ घंटों बाद स्थिति पलट गई और बीजेपी बढ़त बनाने लगी। उस समय कांग्रेस के कई नेताओं ने कहा कि चुनाव आयोग और टीवी चैनल नतीजों को देर से दिखा रहे हैं, जिसकी मदद से प्रशासन को यह संदेश देने की कोशिश की जा रहा है कि बीजेपी फिर से वापस आ रही है।
 
ये रुझान बदले नहीं और बीजेपी ही लगातार आगे रही। कांग्रेस ने कहा है कि कम-से-कम 12 से 14 सीटों पर उसके उम्मीदवारों ने वोटों की गिनती की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने कहा है कि वो इस विषय में चुनाव आयोग के पास जाएगी और उसके बाद आगे के कदमों पर भी विचार करेगी। पार्टी ने सुबह की गिनती प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत भी की थी, लेकिन आयोग ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया था।
 
कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जमीनी स्तर पर कांग्रेस की रणनीति में भी कई कमियां थीं। उमाकांत लखेड़ा के मुताबिक, कांग्रेस का चुनावी माइक्रो मैनेजमेंट अच्छा नहीं था और हरियाणा में पार्टी के अंदर गुटबाजी की जो पुरानी समस्या है, उसका भी वह समय रहते इलाज नहीं कर पाई। लखेड़ा ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव नतीजों के समय ही पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के विदेश चले जाने से भी अच्छा संदेश नहीं गया।
Photo courtesy : nayab siani twitter account 
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