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Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Updated : गुरुवार, 22 अगस्त 2019 (20:34 IST)

विराट कोहली अपने सबसे बड़े फैन से खुद की तारीफ सुनकर रोमांचित हुए, गर्व से फूल गया सीना

Virat Kohli। विराट कोहली अपने सबसे बड़े फैन से खुद की तारीफ सुनकर रोमांचित हुए, गर्व से फूल गया सीना - Virat Kohli, Vivian Richards
एंटीगा। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली वेस्टइंडीज के सर रिचर्ड्‍स के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। अपने जमाने में रिचर्ड्‍स ने अपनी स्टाइलिश बल्लेबाजी से दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमियों को अपना दीवाना बनाकर रखा हुआ था। 
 
वेस्टंइडीज दौरे पर 30 साल के विराट और 67 साल के रिचर्ड्‍स की यादगार मुलाकात हुई और जब विराट ने रि‍चर्ड्‍स के मुंह से यह सुना कि मैं आपकी बल्लेबाजी का फैन हूं तो टीम इंडिया के कप्तान का सीना गर्व से फूल गया और वो बेहद रोमांचित हुए।

असल में विराट ने bcci.tv के लिए एंकर बनकर वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान का साक्षात्कार लिया था। कोहली के इस इंटरव्यू पर 48 लोगों ने अपने कमेंट्‍स दिए, 730 रिट्‍वीट किए गए जबकि 7 हजार 900 लोगों ने इसे लाइक किया। 
 
रिचर्ड्‍स ने कोहली से कहा कि जब भी आप बल्लेबाजी करते हैं तो मैं जरूर देखता हूं और मुझे अपने वक्त की याद ताजा हो जाती है। आपका आक्रामक रवैया मुझे बहुत पसंद आता है। रिचर्ड्‍स ने कहा कि मैंने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरा वनडे मैच देखा था, जब आपने 99 गेंदों पर नाबाद 114 रन बनाए थे।
 
इस पूरी पारी में एक स्ट्रोक पर मैं मोहित हो गया, जब आपने फ्रंट फुट पर आकर एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से छक्का जड़ा था। मैं सोच रहा था कि काश जब मैं खुद खेल रहा होता तो इस तरह का स्ट्रोक लगाता...। 
 
27 मई 1991 में विवियन रिचर्ड्‍स ने क्रिकेट से संन्यास लिया, तब टेस्ट मैच में 121 टेस्ट मैच में 8540 और 187 वनडे में 6721 रन दर्ज थे। टेस्ट में उनका उच्चतम स्कोर 291 और वनडे में 189 रन रहा है।
 
विराट कोहली द्वारा विव रिचर्ड्‍स से लिए इं‍टव्यू के खास अंश
 
विराट : आपके आत्मविश्वास का राज क्या था? 
रिचर्ड्‍स : मैं मैदान पर उतरकर खुद के खेल पर भरोसा रखता था। लोगों को लगता था कि मैं बहुत गुस्से में रहता हूं लेकिन यह प्रतिस्पर्धा का एक हिस्सा होता हैं। मैं आपमें भी वही सब चीजें देखता हूं, जो चीजें मेरे साथ हुआ करती थीं।
 
विराट : आप हेलमेट नहीं बल्कि हैट पहनकर मैदान पर उतरते थे, तब सुरक्षा के ज्यादा साधन भी नहीं थे। तो क्या खुद पर ज्यादा भरोसा रहता था? 
रिचर्ड्‍स : ऐसा नहीं है कि मैंने कभी हेलमेट नहीं पहना, मैंने भी पहना लेकिन मुझे इसे पहनकर असहजता लगी। इसके बाद मैं हमारे देश की ब्रांड महरून कैप पहनकर ही मैदान में उतरा। मुझे भरोसा था कि इस कैप को पहनने के बाद कभी चोट भी लगी तो मैं बच जाऊंगा। आखिरकार मैं भी मर्द हूं।
 
विराट : शुरू में ही बाउंसर खेलने को मिल जाए तो इससे मुझे प्रेरणा मिलती है, आप क्या कहेंगे?
रिचर्ड्‍स : बाउंसर खेल का एक हिस्सा होता है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप उससे कितने बेहतर तरीके से उबरते हैं।
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