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Last Updated :सेंचुरियन , शनिवार, 17 फ़रवरी 2018 (14:32 IST)

केवल कोहली को देखकर काफी कुछ सीख सकता हूं : मार्कराम

केवल कोहली को देखकर काफी कुछ सीख सकता हूं : मार्कराम - Virat Kohli
सेंचुरियन। अकेले दम पर अपनी टीम को जीत की राह पर लौटाना और गलतियों के लिए खुद को कोसना उन पहलुओं में शामिल हैं, जो दक्षिण अफ्रीकी कप्तान एडेन मार्कराम भारतीय कप्तान विराट कोहली से सीखना चाहते हैं।
 
 
मार्कराम ने देखा कि कोहली ने खुद बेहतरीन प्रदर्शन किया जिससे भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 6 मैचों की वनडे श्रृंखला में 5-1 से हराया। कोहली ने श्रृंखला में 3 शतकों और 1 अर्द्धशतक की मदद से 558 रन बनाए।
 
मार्कराम ने कहा कि कोहली अपनी टीम को मैच जिताने के लिए बेताब रहते हैं और इसलिए वे अपनी गलतियों के लिए खुद को कोसते हैं। यह सब प्रतिस्पर्धी नजरिए से है और इसमें कुछ भी दुर्भावना नहीं होती है। जब वे बल्लेबाजी करते हैं तब यह बेताबी दिखती है। वे टीम को केवल जीत के करीब नहीं पहुंचाने चाहते बल्कि वे जीतना चाहते हैं। 
 
दक्षिण अफ्रीका के युवा कप्तान ने कहा कि इसलिए मैं उनसे (कोहली) काफी चीजें सीख सकता हूं। उनकी पूरी टीम और अपनी टीम से मैं काफी चीजें सीख सकता हूं। मैं इधर-उधर से छोटी-छोटी चीजें सीख रहा हूं। मार्कराम को यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं कि दोनों टीमों के बीच कोहली ने सबसे बड़ा अंतर पैदा किया।
 
उन्होंने कहा कि उन्होंने बहुत बड़ा अंतर पैदा किया। वे वास्तव में बेहतरीन फॉर्म में हैं और उन्होंने दिखाया। उनकी रनों की भूख और मैच के परिणाम को अपने पक्ष में करने की बेताबी का कोई जवाब नहीं है और इसलिए वे दुनिया के 'सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों' में से एक हैं। 
 
मार्कराम ने कहा कि उन्होंने (कोहली) बहुत अंतर पैदा किया और उनके स्पिनरों ने भी अहम भूमिका निभाई। लेकिन कोहली के लिए यह शानदार श्रृंखला रही और जो श्रेय का हकदार है उसे वह दिया जाना चाहिए। 
 
मार्कराम से पूछा गया कि क्या इतने बड़े अंतर से हारना शर्मनाक है? उन्होंने कहा कि 'शर्मनाक' काफी कड़ा शब्द है। निश्चित तौर पर हम वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाए, जैसा कि हम चाहते थे। एक टीम के तौर पर हम वास्तव में निराश हैं। मैं यह नहीं कहना चाहूंगा कि हम 'शर्मिंदा' हैं। 
 
उन्होंने कहा कि हमें पता था कि वनडे श्रृंखला कड़ी होगी। मैं इसके लिए तैयार था और मैंने इस चुनौती का लुत्फ उठाया। मैं श्रृंखला 5-1 से गंवाने के बावजूद यहां बैठकर यह कह सकता हूं। यह एक जिम्मेदारी थी जिसका मैंने लुत्फ उठाया। मैंने अपने करियर के इस चरण में काफी कुछ सीखा और यह बुरी चीज नहीं है। (भाषा)
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