उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने ऋषभ पंत को बनाया ब्रांड एंबेसेडर, फोन पर हुई बातचीत (वीडियो)
नई दिल्ली: भारत के आक्रामक विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को उत्तराखंड के युवाओं के बीच खेल को बढ़ावा देने और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए राज्य का ब्रांड दूत नियुक्त किया गया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को इसकी घोषणा की।चौबीस साल के पंत का जन्म राज्य के हरिद्वार जिले के रुड़की शहर में हुआ था।
पंत ने ट्वीट किया, उत्तराखंड के लोगों के बीच खेलों और जन-स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए ब्रांड दूत बनने का मौका देने के लिए पुष्कर धामी को धन्यवाद। इस संदेश को फैलाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा और खुशी है कि आप फिट भारत के लिए ये कदम उठा रहे हैं।
पंत अभी दक्षिण अफ्रीका में हैं जहां वह मेजबान टीम के खिलाफ तीन टेस्ट की श्रृंखला की तैयारी कर रहे हैं।
धामी ने ट्विटर पर हिंदी में लिखा, भारत के बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक, युवाओं के आदर्श और उत्तराखंड के लाल ऋषभ पंत को हमारी सरकार ने राज्य के युवाओं को खेलकूद एवं जन-स्वास्थ्य के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से "राज्य ब्रांड एंबेसडर" नियुक्त किया है।
धामी को वीडियो में पंत के साथ बातचीत करते और उनका हालचाल पूछते दिखाया गया है। साथ ही उन्होंने पंत को उत्तराखंड आने के लिए आमंत्रित किया। इस क्रिकेटर ने इस सम्मान के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह खेल और फिटनेस के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे।
2021 के पहले ही महीने में पंत की बदली किस्मतअगर किसी एक क्रिकेटर के लिए यह साल टर्निंग प्वाइंट रहा है तो वह हैं ऋषभ पंत। एक ओर खराब फॉर्म से जूझ रहे ऋषभ पंत के लिए टीम इंडिया तक दूर दूर तक जगह नहीं थी लेकिन पिछले नवंबर में ऑस्ट्रेलिया की धरती पर अभ्यास 4 दिनी मैच के दौरान उन्होंने तेज शतक बनाया लेकिन उन्हें फिर भी नजर अंदाज किया गया।
लेकिन जनवरी 2021 उनके लिए खुशखबरी लेकर आया। इस महीने उन्होंने टीम में अपनी छवि बदल दी। वह भी चोटिल होने के बावजूद उन्होंने यह कारनामा दिखाया। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीसरे टेस्ट के दौरान ऋषभ पंत को बल्लेबाजी के दौरान बायीं कोहनी में चोट लगी। उन्हें स्कैन के लिए ले जाया गया। आईसीसी नियमों के तहत रिजर्व विकेटकीपर रिधिमान साहा ने उनकी जगह ली।
पंत को पैट कमिंस की शॉर्ट गेंद पर पूल शॉट खेलते समय चोट लगी। वह पट्टी बांधकर दोबारा मैदान पर लौटे लेकिन उस तेजी से रन नहीं बना सके। जोश हेजलवुड की गेंद पर वह विकेट के पीछे कैच देकर लौटे।
लेकिन अगली पारी में उन्होंने दिखा दिया कि वह टीम इंडिया का भविष्य हैं। हालांकि पंत अपना शतक मात्र 3 रन से चूक गए। उन्होंने 118 गेंद में 97 रन बनाए जिसमें 12 चौके और 3 छक्के शामिल रहे। यह मैच पंत के कारण भारत ड्रॉ करा पाया।
इसके बाद चौथे टेस्ट में उन्होंने इससे बड़ा कारनामा करके दिखाया। 300 से अधिक के लक्ष्य का पीछा कर रही टीम इंडिया अंतिम दिन पंत की धुंआधार पारी के कारण ही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीत सकी। उन्होंने 118 गेंदो में 89 रन बनाए जिसमें 9 चौके और 1 छक्का शामिल था। विजयी चौका पंत ने ही लगाया।उनके इस प्रदर्शन के कारण ही वह आईसीसी टेस्ट प्लेयर ऑफ द मंथ का पुरुस्कार जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने।