भारत के सीनियर ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि उन्होंने आगामी पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी के मुख्य आधार स्टीव स्मिथ से निपटने के तरीके खोज लिए हैं। शीर्ष स्तर पर इन दोनों की प्रतिद्वंद्विता एक दशक पुरानी है।
ये दोनों अनुभवी खिलाड़ी 22 नवंबर से पर्थ में शुरू होने वाली बोर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान आमने-सामने होंगे।
अश्विन और स्मिथ आईपीएल फ्रेंचाइजी राइजिंग पुणे सुपरजाइंट (आरपीएसजी) और दिल्ली कैपिटल्स में एक साथ समय बिता चुके हैं जिससे भारतीय स्पिनर को स्मिथ की रणनीति को समझने में मदद मिली।
अश्विन ने 7क्रिकेट को दिए एक साक्षात्कार में कहा, स्टीव स्मिथ स्पिन के खिलाफ एक खिलाड़ी के रूप में विशेष रूप से आकर्षक हैं। उनके पास एक अनूठी तकनीक है, यहां तक कि तेज गेंदबाजी को खेलने की भी।
उन्होंने कहा, लेकिन स्पिन के मामले में मुझे लगता है कि वह अच्छी रणनीति और अच्छी तैयारी के साथ आया था और हां, वह इसे किसी भी परिस्थिति में लागू करता था। और पिछले कुछ वर्षों में मैंने इसे समझने के तरीके और साधन खोज लिए हैं।
अश्विन ने कहा, जब वह दिल्ली कैपिटल्स में रहा, आरपीएसजी में रहा, वे सभी नेट सत्र जो मैंने उसके साथ बिताए उससे मुझे यह समझ में आया कि वह कैसे तैयारी करता है और उसे क्या पसंद है और क्या नहीं।
स्मिथ को सबसे पहले भारत के 2013-14 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान गेंदबाजी करने वाले अश्विन ने अपने कड़े प्रतिद्वंद्वी की प्रशंसा की। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने इस दिग्गज स्पिनर का सामना करते हुए 570 गेंदों में 348 रन बनाए हैं। स्मिथ सिर्फ तीन बार अश्विन की गेंद पर आउट हुए हैं।
अश्विन ने कहा, वह बहुत सोचने वाला क्रिकेटर भी है। वह हर समय आपसे बेहतर प्रदर्शन करना चाहता है। उसके पास अभ्यास करने और मैदान में आपका सामना करने के अनोखे तरीके हैं।
उन्होंने कहा, और कभी-कभी एक गेंदबाज के तौर पर जब आप बल्लेबाज को उसकी प्रक्रिया से गुजरते हुए देखते हैं तो आप पहचान लेते हैं कि कमी कहां है।
भारतीय स्पिनर ने कहा, लेकिन बहुत बाद में जब मुझे लगता है कि मैंने समझ लिया है कि वह क्या करता है या कैसे बल्लेबाजी करता है तो मैं उससे आगे निकल जाता हूं।
आधुनिक समय के महान बल्लेबाजों में शामिल स्मिथ डेविड वार्नर के संन्यास के बाद सलामी बल्लेबाज के रूप में खराब प्रदर्शन के बाद कुछ बड़ी पारियां खेलने के लिए बेताब होंगे। उन्होंने सलामी बल्लेबाज के रूप में चार टेस्ट मैच में 28.50 की औसत से केवल 171 रन बनाए।
अश्विन 38 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया में भारत के लिए तीसरे सबसे अधिक टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उनसे आगे अनिल कुंबले (49) और कपिल देव (51) हैं।
(भाषा)