रणजी क्वार्टर फाइनल में क्वालीफाई करने के लिए दिल्ली को चमत्कार की जरूरत
नई दिल्ली। दिल्ली की टीम को अगर रणजी ट्रॉफी नाकआउट में जगह बनाने की किसी भी उम्मीद को जीवंत रखना है तो बुधवार से यहां राजस्थान के खिलाफ शुरू हो रहे अपने अंतिम ग्रुप मैच में बड़ी जीत दर्ज करने के अलावा अन्य मैचों के नतीजों के अपने पक्ष में रहने की उम्मीद करनी होगी।
दिल्ली की टीम के भी 7 मैचों में 18 अंक हैं और वह क्वार्टर फाइनल की दौड़ से लगभग बाहर हो चुकी है। टीम फिलहाल 18 टीमों के क्रास पूल ए और बी में 10वें स्थान पर चल रही है लेकिन राजस्थान के खिलाफ बोनस अंक सहित जीत और अन्य मैचों के नतीजे पक्ष में आने से दिल्ली की उम्मीद बन सकती है।
दिल्ली के विदर्भ के समान अंक हैं लेकिन खराब रन रेट ने उसकी मुसीबत बढ़ा दी है। टीम को राजस्थान के खिलाफ बोनस अंक सहित जीत दर्ज करने के अलावा पंजाब और कर्नाटक की हार की दुआ करनी होगी जबकि उम्मीद करनी होगी कि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु का मैच ड्रॉ पर छूटे।
लेकिन विदर्भ अगर हैदराबाद के खिलाफ अपना अगला मुकाबला जीत जाता है तो बोनस अंक के साथ जीत भी दिल्ली के लिए पर्याप्त नहीं होगी। इसके बाद भी दिल्ली को अपनी रन गति कर्नाटक से बेहतर रखनी होगी और इतनी सारी जटिल संभावनाओं को देखते हुए दिल्ली के आगे बढ़ने की संभावना बेहद मुश्किल है।
चयन विवादों का सामना करने वाली दिल्ली के लिए मौजूदा रणजी सत्र काफी खराब रहा जिसमें टीम अब तक सिर्फ दो मैच जीत पाई जबकि चार मैच ड्रॉ रहे। टीम को एक मैच में हार का सामना करना पड़ा। दूसरी तरफ राजस्थान की टीम 7 मैचों में सिर्फ 16 अंक के साथ नाकआउट की दौड़ से बाहर हो गई है।
राजस्थान ने 2 मैचों में जीत दर्ज की जबकि 4 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा जबकि एक मैच ड्रॉ पर छूटा। गुजरात संयुक्त ग्रुप ए और बी में 7 मैचों में 29 अंक के साथ सौराष्ट्र (28) और आंध्र (27) से आगे है।