अब इसी रास्ते हो सकती है Ishan Kishan की वापसी, कोच राहुल द्रविड़ ने दिया बड़ा बयान
ईशान किशन व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका दौरे के बीच में ब्रेक मांगने के बाद से खेल से दूर है
Rahul Dravid on Ishan Kishan Selection : भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने सोमवार कहा कि विकेटकीपर ईशान किशन को राष्ट्रीय टीम में चयन के विचार के लिए किसी प्रकार का क्रिकेट खेलना शुरू करना होगा।
इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में भारत की जीत के बाद जब द्रविड़ से किशन के अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से लंबे ब्रेक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा इस खिलाड़ी ने खुद ब्रेक मांगा था।
कुछ ही समय पहले तक सभी प्रारूपों में भारतीय टीम के नियमित सदस्य, किशन व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका दौरे के बीच में ब्रेक मांगने के बाद से खेल से दूर है। वह भारत के लिए पिछली बार नवंबर में खेले थे। वह मौजूदा रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में झारखंड के लिए अभी नहीं खेल रहे हैं।
द्रविड़ ने कहा, हर किसी के लिए वापसी का एक तय रास्ता है। मैं किशन मुद्दे पर उस बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहता। मैंने जितना हो सके इसे समझाने की कोशिश की है। मुद्दा यह है कि उसने खुद ब्रेक का अनुरोध किया था, हम उसे ब्रेक देकर खुश है।
भारतीय कोच ने कहा, जब भी वह तैयार हो, मैंने यह नहीं कहा कि उसे घरेलू क्रिकेट खेलना है, मैंने कहा कि जब भी वह तैयार है, उसे कुछ क्रिकेट खेलना होगा और वापस आना होगा। यह उसे तय करना है कि वह कब खेलना शुरू करेगा। हम उसे कुछ भी करने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं।
मौजूदा श्रृंखला में केएस भरत की खराब बल्लेबाजी के बाद टीम में किशन की वापसी की मांग उठ रही है। ऋषभ पंत दिसंबर 2022 में कार दुर्घटना की चोट से पूरी तरह से उबरे नहीं है। शुरुआती दो टेस्ट में भरत के अलावा टीम में विकेटकीपर ध्रुव जुरेल भी शामिल थे।
द्रविड़ ने कहा, हम किशन के संपर्क में है। उन्होंने अभी तक ठीक से खेलना शुरू नहीं किया है इसलिए फिलहाल इस पर हम विचार नहीं कर सकते। क्योंकि आप जानते हैं कि शायद वह तैयार नहीं है। ऋषभ के चोटिल होने और अन्य चीजों के कारण हमारे पास विकल्प हैं। मुझे यकीन है कि चयनकर्ता सभी विकल्पों पर विचार करेंगे
द्रविड़ ने कहा कि भरत (KS Bharat) खुद भी अपनी बल्लेबाजी से खुश नहीं होंगे।
उन्होंने कहा, इसके लिए निराशा कड़ा शब्द है। मैं उस शब्द का इस्तेमाल नहीं करूंगा। कई बार युवा खिलाड़ियों को सामंजस्य बिठाने में समय लगता है। वह अपनी गति से आगे बढ़ते है। एक कोच के तौर पर चाहते है कि खिलाड़ी मौके का फायदा उठाये। उसकी विकेटकीपिंग अच्छी है और वह खुद भी यह मानेगा कि वह बल्ले से अच्छा कर सकता था।