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Last Updated : मंगलवार, 23 जुलाई 2019 (00:46 IST)

चयनकर्ताओं को धोनी जैसे बड़े खिलाड़ियों को विश्वास में लेना चाहिए

Mahendra Singh Dhoni। अजहर बोले, चयनकर्ताओं को धोनी जैसे बड़े खिलाड़ियों को विश्वास में लेना चाहिए - Mahendra Singh Dhoni
हैदराबाद। पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कहा कि चयनकर्ताओं और महेंद्र सिंह धोनी के बीच संवाद महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह पूर्व कप्तान संन्यास की अटकलों के बीच अपने शानदार करियर के अंतिम चरण पर है।
 
इस तरह की अटकलें थीं कि विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के बाद भारत की 2 बार की विश्व चैंपियन टीम के कप्तान रहे धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि अगले महीने होने वाले वेस्टइंडीज दौरे की टीम के चयन की पूर्व संध्या पर धोनी ने खुद को अनुपलब्ध रखा है लेकिन तुरंत संन्यास की संभावना को खारिज कर दिया।
 
यह पूछे जाने पर कि धोनी जैसे बड़े खिलाड़ियों के संन्यास का सर्वश्रेष्ठ तरीका क्या होगा? अजहरुद्दीन ने कहा कि एक खिलाड़ी खेलना चाहता है लेकिन चयनकर्ताओं को बात करनी होगी कि वह कब तक खेलेगा, वह कैसे खेलेगा, क्या होगा?
 
उन्होंने कहा कि बड़े खिलाड़ी के मामले में खिलाड़ी को भी विश्वास में लिया जाना चाहिए और उससे बात करनी चाहिए। मुझे लगता है कि कोई फैसला आएगा अन्यथा लोग लिखते रहेंगे कि 'उसे संन्यास लेना चाहिए, नहीं लेना चाहिए, क्योंकि धोनी ने कोई बयान नहीं दिया है।'
 
अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि धोनी अब उतने सक्षम नहीं हैं लेकिन अजहरुद्दीन का मानना है कि वह अब भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना जारी रखें, अगर उसके अंदर इच्छाशक्ति और शत-प्रतिशत फिट शरीर है तो।
 
उन्होंने कहा कि मेरा नजरिया है कि अगर वह फिट है और अच्छा खेल रहा है तो उसे खेलना चाहिए। अगर वह फिट है और प्रदर्शन अच्छा है तो वह खेल सकता है। कभी-कभी ऐसा होता है कि इतना खेलने के बाद रुचि खत्म हो जाती है। अगर उसकी रुचि अब भी शत-प्रतिशत है तो मुझे लगता है कि वह अच्छा खिलाड़ी है और उसे खेलना चाहिए।
 
अजहरुद्दीन ने कहा कि समय आने पर धोनी सही फैसला करेगा। उसने 2 महीने का आराम लिया है। शायद इसके बाद वह बताएगा कि वह क्या करेगा? मुझे लगता है कि वह जब भी करेगा, सही फैसला करेगा।
 
अंबाती रायुडु को स्टैंडबाई की सूची में शामिल होने के बावजूद विश्व कप टीम में नहीं भेजे जाने पर अजहरुद्दीन ने कहा कि जब कोई खिलाड़ी स्टैंडबाई होता है तो अगर विकल्प की जरूरत है तो मुझे लगता है कि उसे ही चुना जाना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि अगर आप चयनकर्ता हैं तो आप कप्तान और कोच के आग्रह को नकार सकते हैं। आप कह सकते हैं कि नहीं, हम इस खिलाड़ी को भेजेंगे। जब मैं कप्तान था तो कुछ खिलाड़ियों को टीम में चाहता था लेकिन चयनकर्ताओं ने इंकार कर दिया। ऐसा होता है। अजहरुद्दीन ने दोहराया कि वे चुनाव होने पर हैदराबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद के लिए चुनौती पेश करेंगे। (भाषा)
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