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Last Modified: शनिवार, 26 नवंबर 2022 (15:15 IST)

वनडे सीरीज बचानी है तो पहले 10 ओवरों में रेंगना बंद करना होगा भारतीय ओपनर्स को

वनडे सीरीज बचानी है तो पहले 10 ओवरों में रेंगना बंद करना होगा भारतीय ओपनर्स को - India looks for an equalizer against Kiwis in Hamilton
हैमिल्टन: भारतीय टीम जब रविवार को यहां ‘करो या मरो’ के दूसरे एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में न्यूजीलैंड से भिड़ेगी तो उम्मीद करेगी कि कप्तान शिखर धवन और युवा शुभमन गिल ‘पावरप्ले’ ओवरों में बेहतर रवैया अपनायें।सेडोन पार्क तीनों ओर से खुला मैदान है लेकिन न्यूजीलैंड में बल्लेबाजों के लिये सबसे मददगार मैदानों में से एक के रूप में मशहूर है जिसमें बल्लेबाजों को अपने शॉट के लिये उचित रन मिलेंगे।

पहले वनडे में धवन (77 गेंद में 72 रन) और गिल (65 गेंद में 50 रन) ने पहले विकेट के लिये 123 रन की भागीदारी निभायी थी लेकिन ईडन पार्क जैसे छोटे मैदान पर सात विकेट पर 306 रन का स्कोर कम से कम 40 रन से कम रहा।गेंदबाजों ने महज 47 ओवर में ये रन गंवा दिये जिससे जिम्मेदारी मुख्य बल्लेबाजों पर ही आ जाती है क्योंकि अगर वाशिंगटन सुंदर ने शानदार योगदान नहीं दिया होता तो भारत 300 रन के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाता।

यह काफी हद तक पहले 10 पावरप्ले ओवरों में भारतीय सलामी बल्लेबाजों के सतर्कता भरे दृष्टिकोण की बदौलत ही हुआ जिसमें जरूरत के मुताबिक रन नहीं बने।मोईन अली ने हाल में एक साक्षात्कार में कहा था कि जो टीमें पहले सफेद गेंद के क्रिकेट में आस्ट्रेलिया के तरीके को अपनाती थीं अब वे इंग्लैंड की ओर देखने लगी हैं जिसने हाल के दिनों में इस प्रारूप में शानदार प्रदर्शन किया है।

भारतीय टीम इसी में पिछड़ रही है और ऑकलैंड में टीम पहले पावरप्ले ओवर में केवल 40 रन ही बना सकी।एक और आंकड़े से भारतीय शीर्ष क्रम बल्लेबाजों के सीमित ओवर के प्रारूप में रवैये का पता चलता है (इसमें सिर्फ रोहित शर्मा, केएल राहुल या विराट कोहली ही शामिल नहीं हैं)।

धवन ने 77 गेंद में 72 रन बनाये जिसमें 13 चौके जड़े थे। जिससे उन्होंने 13 गेंदों में चौकों से 52 रन जोड़े। जबकि बचे हुए 20 रन के लिये उन्होंने 64 गेंद खेली और इसमें से 44 ‘डॉट’ गेंद रहीं क्योंकि वह पावरप्ले में रन नहीं बना पा रहे थे।

जहां कप्तान एक ओर जूझ रहा था, वहीं गिल ने एक और अर्धशतक जड़कर अपने कुल औसत को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया लेकिन उनकी पारी की रफ्तार भी बहस का विषय है।उन्होंने 65 गेंद में 50 रन बनाये जिसमें तीन छक्के और एक चौका जड़ा था। मतलब चार गेंद में 22 रन बने। उन्होंने बाकी के 28 रन 61 गेंद खेलकर बनाये।

पारी की नींव तैयार करने और तेजी से रन जुटाने का काम अंत की ओर छोड़ने के इसी रवैये से भारत ने टी20 विश्व कप गंवा दिया लेकिन हैरानी की बात है कि इस श्रृंखला के लिये वनडे में खिलाड़ियों के बदलने के बावजूद बल्लेबाजी दृष्टिकोण वही पुराना वाला बना हुआ है।

पारी का आगाज करने के लिये इतने सारे खिलाड़ी मशक्कत कर रहे हैं तो यह निहायत ही जरूरी है कि खिलाड़ी तेजी से रन जुटाये ताकि 50 ओवर के विश्व कप से तीन या चार महीने पहले नये चयनकर्ता पूल की 20 के करीब छंटनी करें तो रन की संख्या की अनदेखी नहीं की जा सकती।

धवन निश्चित रूप से अगले महीने बांग्लादेश में रोहित के साथ पारी का आगाज करेंगे और कोई गारंटी नहीं है कि शुभमन अंतिम एकादश में अपना स्थान बरकरार रख पायेंगे क्योंकि रोहित सलामी बल्लेबाज के तौर पर वापसी करेंगे। केएल राहुल मध्यक्रम में सूर्यकुमार यादव (अगली श्रृंखला के लिये आराम दिये जाने पर) का स्थान ले सकते हैं।

टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की तुलना में वनडे में ऋषभ पंत का स्ट्राइक रेट और औसत काफी बेहतर है लेकिन इस श्रृंखला के उप कप्तान को और अधिक निरंतर रहने की जरूरत है ताकि विकेटकीपिंग के लिये संजू सैमसन और ईशान किशन से आगे रह सकें जो निश्चित रूप से उनके करीब हैं।

ईडन पार्क की पिच पर भारतीय तेज गेंदबाजों ने काफी कम गेंदबाजी की है। उन्हें टॉम लैथम और केन विलियमसन से मुकाबला करने के लिये तरीका ढूंढने की जरूरत है। ये दोनों खिलाड़ी इस प्रारूप में भारत के खिलाफ काफी निरंतर रहे हैं।

उमरान मलिक 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने में प्रभावी रहे, अर्शदीप सिंह स्विंग हासिल करने की काबिलियत के बावजूद जूझते दिखे और शारदुल ठाकुर भी अच्छा नहीं कर पाये।

टॉस भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा क्योंकि सेडोन पार्क पर शाम होते होते बल्लेबाजी करना आसान हो जाता है।
अगर भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा करती है तो उनके लिये अच्छा होगा क्योंकि स्पिनरों को शाम में ओस की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।देखना होगा कि युजवेंद्र चहल की जगह कुलदीप यादव को आजमाया जाता है या नहीं।(भाषा)

टीमें इस प्रकार हैं :

भारत:शिखर धवन (कप्तान), शुभमन गिल, सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), संजू सैमसन (विकेटकीपर), दीपक हुड्डा, शाहबाज अहमद, वाशिंगटन सुंदर, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, दीपक चाहर, अर्शदीप सिंह, शार्दुल ठाकुर और उमरान मलिक।

न्यूजीलैंड:केन विलियमसन (कप्तान), फिन एलेन, डेविन कॉनवे, टॉम लैथम, डेरिल मिशेल, ग्लेन फिलिप्स, माइकल ब्रेसवेल, टिम साउदी, मैट हेनरी, एडम मिल्ने, जिमी नीशाम, मिशेल सैंटनर और लॉकी फर्ग्यूसन।
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