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Last Updated : गुरुवार, 18 जून 2020 (15:10 IST)

ICC में एक बार फिर बीसीसीआई और मनोहर आमने-सामने

ICC में एक बार फिर बीसीसीआई और मनोहर आमने-सामने - BCCI and Manohar face to face once again in ICC
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में इस साल होने वाले टी20 विश्व कप के भविष्य को लेकर लगातार फैसला टालने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से नाराज भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने निवर्तमान चेयरमैन शशांक मनोहर पर जानबूझकर इस मुद्दे पर अपनी टांग अड़ाने का आरोप लगाया है। 
 
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के चेयरमैन अर्ल एडिंग्स एक बार फिर 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक होने वाले इस टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर अपने बोर्ड की अक्षमता जाहिर कर चुके हैं और ऐसे में बीसीसीआई का मानना है कि आईसीसी की विलंब की रणनीति आईपीएल की तैयारियों को प्रभावित कर सकती है। 
 
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘निवर्तमान आईसीसी चेयरमैन (मनोहर) भ्रम की स्थिति क्यों पैदा कर रहे हैं? अगर मेजबान क्रिकेट बोर्ड टी20 विश्व का आयोजन नहीं करना चाहता तो उन्हें फैलने की घोषणा करने के लिए एक महीना क्यों चाहिए?’ 
 
इस महीने की शुरुआती में बोर्ड बैठक के बाद आईसीसी ने एक महीने और इंतजार करने का फैसला किया और कोविड-19 महामारी के बीच प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर कोई फैसला करने से पहले और आपात योजनाओं पर विचार करना चाहता है। अधिकारी का मानना है कि टूर्नामेंट को स्थगित करने को लेकर अगर जल्द फैसला होता है तो इससे सदस्य देशों को अपनी द्विपक्षीय श्रृंखलाओं की योजना बनाने में मदद मिलेगी। 
 
नाराज अधिकारी ने कहा, ‘यह बीसीसीआई या आईपीएल का मामला नहीं है। अगर आईसीसी इस महीने टूर्नामेंट को स्थगित करने की घोषणा करता है तो जिन सदस्य देशों के खिलाड़ी आईपीएल का हिस्सा नहीं है वे भी इस दौरान अपनी द्विपक्षीय श्रृंखलाओं को लेकर योजना बना सकते हैं। फैसला करने में विलंब से सभी को नुकसान होगा।’ 
आईसीसी अगर जल्द फैसला करता है तो बीसीसीआई की आईपीएल संचालन टीम संभावित मेजबानों को लेकर तैयारी शुरू कर सकती है जिसमें श्रीलंका भी शामिल होगा जिसके बाद प्रेमदासा, पाल्लेकल और हंबनटोटा मैदान हैं। यूएई के मुकाबले श्रीलंका को कम खर्चीले मेजबान के रूप में देखा जा रहा है और सुनील गावस्कर भी कह चुक हैं कि सितंबर में आईपीएल कराने के लिए यह आदर्श देश होगा।
 
बीसीसीआई और मनोहर के बीच मतभेद नए नहीं हैं। नागपुर के वकील मनोहर के बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन से कटु रिश्ते रहे हें जिन्हें तनाव की मुख्य वजह माना जा रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘वह बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष हैं जो हमारे हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं। आईसीसी के राजस्व में देश के योगदान के बावजूद बीसीसीआई के राजस्व हिस्से में कटौती की गई है।’ 
 
बीसीसीआई से जुड़े लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि अगले चेयरमैन के नामांकन की प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा क्यों नहीं की गई। बीसीसीआई के एक अनुभवी अधिकारी ने कहा, ‘आईसीसी बोर्ड की कुछ बैठक हुई लेकिन इनमें ईमेल लीग और जांच को नामांकन प्रक्रिया की घोषणा पर तरजीह दी गई। अगर आप मेरे से पूछो तो मुझे यकीन नहीं है कि मनोहर चेयरमैन का पद छोड़ेंगे और तीसरे कार्यकाल का प्रयास नहीं करेंगे।’

आईसीसी चेयरमैन दो साल के तीन कार्यकाल तक अपने पद पर रह सकता है। आईसीसी के बोर्ड सदस्यों को डर है कि नामांकन प्रक्रिया में देरी से सर्वसम्मत उम्मीदवार को चुनने में दिक्कत हो सकती है। बोर्ड के सदस्य ने कहा, ‘कोलिन ग्रेव्स अब भी दौड़ में सबसे आगे हैं और अगर सौरव गांगुली इच्छुक नहीं होते हैं तो उन्हें बीसीसीआई का भी समर्थन होगा। अगर सर्वसम्मत फैसला नहीं होता है और गांगुली भी उम्मीदवारी पेश करते हैं तो यह रोचक होगा।’ 
 
एहसान मनी भी दावेदारों में शामिल हैं जिन्हें निश्चित रूप से बीसीसीआई का समर्थन हासिल नहीं होगा। मनी ने बुधवार को कहा, ‘मेरा एजेंडा आईसीसी में जगह बनाना नहीं है।’ न्यूजीलैंड क्रिकेट की अध्यक्ष डेबी हॉकले का नाम भी सामने आ रहा है। (भाषा)
 
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