पीएम मोदी बोले, आर्थिक जगत में अमिट छाप छोड़ गए राकेश झुनझुनवाला
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने आर्थिक जगत में अमिट छाप छोड़ी है। झुनझुनवाला (62) का रविवार सुबह मुंबई में निधन हो गया।
मोदी ने ट्वीट किया, 'राकेश झुनझुनवाला अदम्य साहस वाले व्यक्ति थे। वह बड़े जिंदादिल, समझदार और गहरी दृष्टि वाले थे। उन्होंने वित्तीय क्षेत्र में अमिट योगदान किया है। वह भारत के प्रगति के बारे में बड़े जज्बाती थे। उनका जाना दुखद है।उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना है। ओम शांति!'
भारत के वॉरेन बफे जाने वाले दिग्गज निवेशक एवं उद्यमी राकेश झुनझुनवाला का रविवार सुबह यहां ब्रिच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 62 वर्ष के थे।
चालीस हजार करोड़ रुपए की संपत्ति का प्रबंध करने वाले झुनझुनवाला ने पिछले हफ्ते ही आकासा एयरलाइंस के शुभारंभ के साथ उड्डयन क्षेत्र में कदम रखा था। उन्हें आखिरी बार सार्वजनिक रूप से आकासा के उद्घाटन समारोह में देखा गया था। झुनझुनवाला बिग बुल के नाम से मशहूर थे।
झुनझुनवाला देश के 48वें सबसे अमीर व्यक्ति थे। चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) रहे झुनझुनवाला ने कंपनियों के खातों का ऑडिट करने के बजाय दलाल पथ की राह चुनी। 1985 में उन्होंने 5,000 रुपये की पूंजी के साथ इसकी शुरुआत की। सितंबर, 2018 तक शेयरों में उनका निवेश का मूल्य बढ़कर 11,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था।
उनके पोर्टफोलियो में स्टार हेल्थ, टाइटन, रैलिस इंडिया, केनरा बैंक, इंडियन होटल्स कंपनी, एग्रो टेक फूड्स, नजारा टेक्नोलॉजीज और टाटा मोटर्स शामिल हैं। जून तिमाही के अंत तक उनका 47 कंपनियों में निवेश था।
टाइटन, स्टार हेल्थ, टाटा मोटर्स और मेट्रो ब्रांड्स जैसी कंपनियों में उनकी बड़ी हिस्सेदारी थी। वह हंगामा मीडिया और एप्टेक के चेयरमैन थे। वह कई कंपनियों के निदेशक मंडल में भी शामिल थे।
झुनझुनवाला का जन्म पांच जुलाई, 1960 को राजस्थान के परिवार में हुआ था। वह मुंबई में पले-बढ़े थे। मुंबई में उनके पिता आयकर आयुक्त थे। उन्होंने साइडेन्हेम कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की और बाद में भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) में नामांकन कराया।
झुनझुनवाला ने 1986 में टाटा टी के 5,000 शेयर 43 रुपये के भाव पर खरीदे। तीन माह में यह शेयर 143 रुपये पर पहुंच गया। यह उनका पहला बड़ा मुनाफा था। तीन साल में उन्होंने 20 से 25 लाख रुपये की कमाई की। झुनझुनवाला ने जिस समय शेयर बाजारों में निवेश करना शुरू किया उस समय सेंसेक्स 150 अंक पर था।