वर्ष 2015-16 में आर्थिक विकास दर बढकर 7.9 फीसदी पर
नई दिल्ली। सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का विकास अनुमान संशोधित कर उसे 7.9 प्रतिशत कर दिया है। आरंभिक आंकड़ों में पिछले वित्त वर्ष विकास दर 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था, लेकिन केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी पहले संशोधित अनुमान में इसके 7.9 प्रतिशत रहने की बात कही गई है। वित्त वर्ष 2014-14 में जीडीपी विकास दर 7.2 प्रतिशत रही थी।
सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) की विकास दर का 2015-16 का अनुमान पिछले साल मई में जारी 7.2 प्रतिशत से संशोधित कर 7.8 प्रतिशत कर दिया गया है। इसमें कृषि क्षेत्र का विकास अनुमान पहले के 1.2 प्रतिशत से घटाकर 0.8 प्रतिशत, खान एवं खनन का 7.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.3 प्रतिशत, विनिर्माण का 9.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 10.6 प्रतिशत, बिजली, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगी सेवाओं का 6.6 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत तथा निर्माण का 3.9 से घटाकर 2.8 प्रतिशत कर दिया गया है।
इसके अलावा संशोधित अनुमान में लोक प्रशासन तथा रक्षा का विकास अनुमान 4.6 प्रतिशत और अन्य सेवाओं का 8.9 प्रतिशत बताया गया है। मई में इनका संयुक्त अनुमान 6.6 प्रतिशत बताया गया था। इसी प्रकार वित्तीय सेवाओं के लिए विकास अनुमान 6.6 प्रतिशत तथा रियल इस्टेट, आवासीय मिलकीयत तथा पेशेवर सेवाओं की विकास दर 12.6 फीसदी बताई गई है। पहले इनका संयुक्त विकास अनुमान 10.3 फीसदी बताया गया था।
व्यापार, मरम्मत, होटल तथा रेस्तरां का संशोधित विकास अनुमान 11.6 प्रतिशत तथा परिवहन, भंडारण, संचार एवं प्रसारण सेवाओं का 9.1 फीसदी रहने का अनुमान है। मई 2016 में इनकी संयुक्त विकास दर 9 प्रतिशत आंकी गई थी। (वार्ता)