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Last Updated : सोमवार, 5 नवंबर 2018 (22:38 IST)

अधिक कीमत होने के बावजूद धनतेरस पर सोने की चमक बढ़ी

अधिक कीमत होने के बावजूद धनतेरस पर सोने की चमक बढ़ी - Dhanteras Gold Silver Sales
नई दिल्ली। आगामी सप्ताहों में सोने की कीमतों में आगे और तेजी आने की उम्मीदों के बीच सोमवार को 'धनतेरस' के मौके पर सोने और आभूषणों की बिक्री में अनुमानित 15 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई।
 
 
सुबह खरीदारी सुस्त थी, लेकिन बाद में खरीदारों ने शुभ कार्य के रूप में सोने की लिवाली बढ़ा दी थी। बाजार के जानकारों के अनुसार इस अवसर पर शादी के लिए भी आभूषणों की खरीद हुई। आभूषणों की तुलना में सोने के सिक्कों की मांग अधिक ज्यादा तेज बताई गई।
 
पीसी ज्वेलर्स और कल्याण ज्वेलर्स जैसी संगठित कंपनियों ने प्रतिस्पर्धी कीमतों पर गुणवत्ता एवं बेहतर डिजाइन के उत्पाद प्रस्तुत कर संभवत: अच्छी ग्राहकी आकर्षित की। दुनिया में सोने के दूसरे सबसे बड़े खरीदार भारत के आभूषण बाजार में असंगठित क्षेत्र की आभूषण इकाइयों का हिस्सा लगभग 70 प्रतिशत है।
 
सोने, चांदी और अन्य कीमती सामान खरीदने के लिए धनतेरस को शुभ दिन माना जाता है और इसे भारत के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। खरीदारी देर रात तक चलती है।
 
अखिल भारतीय रत्न और आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के अध्यक्ष नितिन खंडेलवाल ने कहा कि कमजोर रुपए के चलते आने वाले हफ्तों में सोने की दरों के 35,000 से 40,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने की खबरों के बाद उपभोक्ता मांग में सुधार हुआ है। हमें पिछले साल की तुलना में बिक्री में 10 प्रतिशत तक बढ़ी है।
 
सोने की कीमतें सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में 32,690 रुपए प्रति 10 ग्राम थीं, जो वर्ष 2017 के धनतेरस के दिन के 30,710 रुपए प्रति 10 ग्राम के मुकाबले अधिक हैं। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) इंडिया के प्रबंध निदेशक सोमासुंदरम पीआर ने कहा कि उद्योग की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि हालांकि बाजार में खरीदारों की अच्छी संख्या जरूर है, पर मांग मध्यम हो सकती है।
 
संगठित कारोबारियों में पीसी ज्वेलर्स के प्रबंध निदेशक बलराम गर्ग ने कहा कि हम पिछली धनतेरस की तुलना में कारोबार के आकार में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी और मूल्य के संदर्भ में 15-18 प्रतिशत की वृद्धि देख रहे हैं।
 
केरल स्थित कल्याण ज्वेलर्स के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक टीएस कल्याणारामन ने कहा कि हमने धनतेरस के दिन सकारात्मक रुझान देखा है और शुरुआती आंकड़ों के आधार पर पिछले साल की आय के मुकाबले इस बार आय में 8-9 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। इस वृद्धि के लिए प्रमुख योगदान ग्राहकों का असंगठित क्षेत्र के मुकाबले कल्याण जैसे संगठित कारोबारियों की ओर रुख करना है। यह कंपनी भारत में 100 स्टोर का संचालन करती है।
 
टाइटन कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (खुदरा एवं विपणन आभूषण विभाग) संदीप खुलेहल्ली ने कहा कि हम अपने स्टोरों में वृद्धि देख रहे हैं। दोपहर बाद से ग्राहकों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। हम बेहतर बिक्री और स्वस्थ दोहरे अंकों की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। चूंकि सोने की कीमतें अधिक हैं इसलिए मांग छोटे से मध्यम आकार के आभूषणों के लिए अधिक है, खासतौर पर उंगली के छल्ले, बालियां, चूड़ियों के अलावा कई अन्य चीजों की मांग है।
 
समान रुख दर्शाते हुए डब्ल्यूएचपी ज्वेलर्स के निदेशक आदित्य पेटे ने कहा कि कंपनी ने खरीदारों की संख्या में 10-20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ अपेक्षित बिक्री लक्ष्य को पूरा किया है जबकि अनमोल ज्वेलर्स के संस्थापक इशू दत्तवानी ने कहा कि वे धनतेरस के दिन बिक्री में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना देख रहे हैं।
 
नकदी के संकट और अधिक कीमतों के बावजूद सोने और चांदी के सिक्कों की बिक्री में बढ़ोतरी की बात बताते हुए कुंदन समूह के निदेशक विदित गर्ग ने कहा कि कंपनी इस साल अपनी सिक्का बिक्री पिछले साल के 75,000 इकाई की तुलना में दोगुना होने की संभावना देख रही है।
 
शहर स्थित खन्ना जेम्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पंकज खन्ना ने कहा कि कंपनी ने इस वर्ष सर्राफा कारोबार में प्रवेश किया है और सोमवार को 20 किलो चांदी के सिक्के बेचे हैं। बिक्री अपेक्षाओं से बेहतर थी।
 
भारत सर्राफा एवं आभूषण विक्रेता संघ (आईबीजेए) के निदेशक तथा पीएनजी ज्वेलर्स के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सौरभ गाडगिल ने कहा कि हम मात्रा के स्तर पर सोने एवं आभूषणों की बिक्री में 10-12 प्रतिशत की वृद्धि तथा हीरे के आभूषणों की बिक्री में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। सोने की बढ़ती कीमत से भी ग्राहक सोने की खरीद करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
 
हालांकि स्वर्ण रिफाइनर एमएमटीसी-पीएएमपी इंडिया के प्रबंध निदेशक राजेश खोसला ने कहा कि बाजार में जाने की सामान्य अनिच्छा होने के कारण बाजार धारणा सुस्त थी। हमारे सिक्कों की मांग अधिकांशतया निगमित कंपनियों की ओर से है। आदर्श रूप से सोने की दरें लगभग 30,000 रुपए प्रति 10 ग्राम होनी चाहिए थी, लेकिन रुपए की विनिमय दर में गिरावट के चलते सोना 32,000 रुपए प्रति 10 ग्राम से ऊपर पहुंच गया है। बाजार कीमतों में 2,000 रुपए प्रति 10 ग्राम की वृद्धि को समायोजित करने में सक्षम नहीं है। (भाषा)
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