हनुमान जयंती को पूरे भारत में बड़े ही उल्लासपूर्ण और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन न सिर्फ हनुमानजी की पूजा होती है बल्कि श्रीराम और सीताजी का भी पूजन-स्मरण किया जाना चाहिए।
* व्रत की पूर्व रात्रि को जमीन पर सोने से पहले भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ हनुमानजी का स्मरण करें।
* यदि इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन कर सके तो बेहतर होगा।
* प्रात: जल्दी उठकर दोबार राम-सीता एवं हनुमानजी को याद करें।
* जल्दी सवेरे स्नान व ध्यान कर हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प करें।
* साफ-स्वच्छ वस्त्रों में पूर्व दिशा की ओर भगवान हनुमानजी की प्रतिमा को स्थापित करें।
* विनम्र भाव से बजरंग बली की प्रार्थना करें।
* ध्यान रहे कि मन में कोई कुविचार न आने पाए।
* इसके पश्चात षोडशोपचार की विधि-विधान से श्री हनुमानजी की आराधना करें।
* हनुमानजी की पूजा में हनुमत कवच मंत्र का जाप अवश्य करें। कवच मंत्र का जाप तुरंत फलदायी होता है। इससे उनका आशीर्वाद मिलता है।
इस कवच का मूल मंत्र है-
'ॐ श्री हनुमंते नम:', जिसके 'हं हनुमंते नम:' का पाठ भी अवश्य करें।