300 bar hanuman chalisa padhne ke fayde: प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन और मस्तिष्क में आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है। संकल्प लेकर 100 या 108 बार हनुमान चालीसा पढ़ने से आपकी मनोकामना पूर्ण होती है परंतु 300 बार हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या होता है और इसे पढ़ने में कितना समय लगता है? कहते हैं कि जो लोग एक ही दिन में एक जगह बैठकर मंगलवार या शनिवार के दिन 300 बार हनुमान चालीसा पढ़ लेते हैं उनके 3 कार्य पूर्ण हो जाते हैं।
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300 बार हनुमान चालीसा क्यों पढ़ते हैं?
300 बार हनुमान चालीसा पढ़ने का 3 कारण है-
1. यदि आपको लगता है कि घर में कोई भूत प्रेत या ब्रह्म राक्षस है तो 300 बार हनुमान चालीसा पढ़ने का संकल्प लें। यह कार्य आप शनिवार के दिन करें।
2. यदि आपके घर में किसी भी कारण से गृहकलेश बना रहता है तो 300 बार हनुमान चालीसा पढ़ने का संकल्प लें। यह कार्य आप मंगलवार के दिन करें।
3. यदि आपका कोई कार्य अटक गया है और वह किसी भी तरह से पूर्ण नहीं हो रहा है तो मंगलवार के दिन 300 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
300 बार हनुमान चालीसा पढ़ने से होंगे 3 बड़े चमत्कार:-
1. आपके घर से भूत भाग जाएगा और हर तरह की अलाबला दूर हो जाएगी।
2. हनुमान चालीसा पढ़ते वक्त आपको महसूस होगा कि हनुमानजी कहीं आसपास ही है।
3. आपके भीतर का डर, बेचैनी, तनाव और अशांति तुरंत ही दूर हो जाएगी।
कैसे करें 300 बार हनुमान चालीसा का पाठ:-
1. 300 बार हनुमान चालीसा पढ़ने के सामान्य से नियम हैं। पहला यह कि यदि पढ़ने का संकल्प लें तो उसे पूर्ण जरूर करें।
2. संकल्प लेते समय हनुमानजी के समक्ष अपनी इच्छा या मनोकामना का प्रकट करें।
3. 300 बार हनुमान चालीसा एक ही जगह बैठकर पूर्ण करना चाहिए है।
4. 300 बार हनुमान चालीसा पढ़ते समय किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो इसका जरूर ध्यान रखें।
5. बीच में यदि लघुशंका या शौच आदि आए तो जाकर कर सकते हैं इसके बाद पुन: पवित्र होकर आसन पर बैठ जाएं।
6. चालीसा पढ़ने के लिए पहले हनुमानजी को एक पाट पर लाल कपड़ा बिछाकर उन्हें विराजमान करें और उनका आवाहन करें।
7. इसके बाद फिर उनकी विधिवत पूजा करें और उन्हें भोग लगाएं। शुद्ध घी या तिल के तेल का दिया जलाएं।
8. पूजा करने के बाद माचिस की 300 तीली अपने बाईं ओर रख लें और फिर हनुमान चालीसा पढ़ते जाएं और एक एक तीली को उठाकर दाईं ओर रखते जाएं।
9. हनुमान चालीसा पूर्ण होने के बाद सुंदरकांड का पाठ करने के बाद समापन करें।
10. इसके बाद हनुमानजी को पुन: भोग लगाएं और फिर सभी को प्रसाद वितरण करें।