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Last Modified: गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024 (08:32 IST)

मात्र 36 दिनों में खुला श्रीनगर लेह राजमार्ग, कम बर्फबारी ने आसान की राह

मात्र 36 दिनों में खुला श्रीनगर लेह राजमार्ग, कम बर्फबारी ने आसान की राह - Srinagar Leh national Highway opened in just 36 days, less snowfall made the road easier
Jammu news in hindi : लद्दाख सेक्टर में चीन सीमा पर चार सालों से जारी तनातनी के माहौल के बीच एलएसी तक सप्लाई को निर्बाध जारी रखने की खातिर 434 किमी लंबे श्रीनगर-लेह राजमार्ग को खुला रखना सीमा सड़क संगठन के लिए चुनौती साबित हो रहा है। इतना जरूर था कि इस बार इसे मात्र 36 दिनों के बाद खोल दिए जाने में कामयाबी इसलिए मिली थी क्योंकि इस राजमार्ग पर इस बार उतनी बर्फबारी नहीं हुई है जितनी पिछले साल हुई थी।
 
बीआरओ के बीकन संगठन के अनुसार, इस राजमार्ग से बर्फ हटाने का कार्य इसके खुल जाने के बाद भी पूरी तेजी के साथ जारी है। दरअसल जम्मू कश्मीर व लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन इस पर जोर देते रहे हैं कि राजमार्ग को जल्द से जल्द खोला जाए। परसों इसे खोल तो दिया गया था पर अब चुनौती 17 फरवरी से होने वाली भारी बर्फबारी की भविष्यवाणी है।
 
हालांकि इस राजमार्ग पर पिछले साल की बनिस्बत कम बर्फबारी हुई है पर राजमार्ग से बर्फ हटाने में जुटे कर्मियों को कई स्थानों पर हिमस्खलन की परिस्थितियों से दो चार होना पड़ा है जो कार्य में लगातार बाधा उत्पन्न कर रहे थे।
 
बीआरओ के अधिकारियों के बकौल, इस बार मौसम ने उनका साथ दिया है जिस कारण इस राजमार्ग से 36 दिनों के बाद ही बर्फ को हटा दिया गया है। इस राजमार्ग के इतिहास में यह अवधि अब तक की सबसे कम अवधि है। राजमार्ग की परिस्थितियों को जांचने के बाद ही इस पर यातायात बहाल करने की अनुमति प्रदान की जा चुकी है।
 
माना कि श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर इस बार कम बर्फ गिरी है पर इस राजमार्ग के सबसे ऊंचे प्वाइंट जोजिला दर्रे पर ऐसा नहीं था। वहां जम कर बर्फ गिरी थी और वहीं पर हिमस्खलन बीआरओ कर्मियों के लिए चुनौती बनता रहा था। 
 
याद रहे जोजिला दर्रे को बर्फ के कारण अभी तकसाल में 4 से 6 महीने तक बंद रखा जाता रहा है पर इस बार यह मात्र 36 दिनों तक ही बंद रहा है।
 
अधिकारियों ने बताया कि सोनमर्ग-बालटाल रोड पर कई स्थानों पर इस बार 4 से 6 फीट बर्फ थी और जोजिला पर यह 8 से 10 फुट थी। यही कारण था कि इस बार अधिकारियों को इसे जल्द चालू करने की उम्मीद बंधी थी जो पूरी हो चुकी है। वैसे हर साल जोजिला में 10 से 15 फुट और सोनामर्ग-बालटाल पर भी इतनी ही बर्फ होती थी।
 
बीआरओ अधिकारियों के मुताबिक, जोजिला से सोनामर्ग के 30 किमी के भाग में ही उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। सोनामर्ग से जोजिला तक बर्फ साफ करने का जिम्मा प्रोजेक्ट बीकन और करगिल की तरफ वाले भाग से बर्फ को हटाने की जिम्मेदारी प्रोजेक्ट विजयांक के हवाले होती है।
Edited by : Nrapendra Gupta 
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