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Last Modified: मंगलवार, 21 जून 2022 (12:31 IST)

US Mid-Term Elections 2022: क्या ट्रम्प पलटेंगे बाजी? जानिए क्या है अमेरिका के मिड-टर्म चुनाव

US Mid-Term Elections 2022: क्या ट्रम्प पलटेंगे बाजी? जानिए क्या है अमेरिका के मिड-टर्म चुनाव What is US Mid-Term Elections 2022 and why it is very important? - What is US Mid-Term Elections 2022 and why it is very important?
प्रथमेश व्यास
वॉशिंगटन। संयुक्त राज्य अमेरिका में चुनावों का मौसम आ गया है, जिसके लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी है। अमेरिका में 8 नवंबर 2022 को मिड-टर्म इलेक्शन होने वाले हैं। बाइडेन की पार्टी के लिए ये चुनाव किसी चुनौती से कम नहीं हैं, क्योकि उनके सबसे बड़े विरोधी डोनाल्ड ट्रंप चुनावों का नतीजा बदलने की दिशा में जम कर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने अपनी रिपब्लिकन पार्टी द्वारा 6 जनवरी को आयोजित कार्यक्रम में सरकार की आलोचना करते हुए बहुमत के साथ मिड-टर्म इलेक्शन जीतने की बात कही थे। 
 
भारत के विपरीत, जहां हर साल एक या एक से अधिक राज्यों में चुनाव होते हैं, अमेरिका में चुनावों को 2 चरणों में विभाजित किया गया है, मध्यावधि (Mid-Term) और राष्ट्रपति (Presidential) चुनाव।
क्या है US मिड-टर्म इलेक्शन?
मिड-टर्म इलेक्शन, जैसे कि नाम से पता चलता है, राष्ट्रपति के चार साल के कार्यकाल के बीच में आयोजित किये जाते हैं। अमेरिका की कांग्रेस में 535 सदस्य हैं, जो देश के कानून बनाने के लिए जिम्मेदार हैं। यही कांग्रेस दो भागों में विभाजित है - सीनेट और प्रतिनिधि मंडल। सीनेट में 6 साल के कार्यकाल के लिए 100 सदस्य चुने जाते हैं और हर 2 साल में सीनेट के एक तिहाई मेंबर्स का चुनाव फिर से होता है। इसी तरह प्रतिनिधि सभा में दो साल के कार्यकाल के लिए 435 सदस्य होते हैं, जिसके बाद इन सीटों के लिए फिर से चुनाव होता है। इसी वजह से मिड-टर्म इलेक्शन का आयोजन किया जाता है। 
 
क्या लगा है दाव पर?
इस बार नवंबर में प्रतिनिधि सभा की 435 सीटों में से एक तिहाई (35) सीटों पर मतदान होने जा रहा है। मिड-टर्म चुनावों में प्रतिनिधि सभा का नियंत्रण दाव पर लगा होता है। किसी भी पार्टी को सीनेट में नियंत्रण रखने के लिए 51 सीटों की आवशयकता होती है, वहीं सदन में बहुमत हासिल करने के लिए कम से कम 218 सीटों की आवश्यकता होती है। 
 
यूं तो अमेरिका का हर नागरिक चुनाव के लिए मतदान करता है, लेकिन सीधे तौर पर इन वोटों के आधार पर राष्ट्रपति का चुनाव नहीं होता। अमेरिका के सभी राज्यों के नागरिकों के वोटों के आधार पर राष्ट्रपति उम्मीदवार का आंकलन किया जाता है, ये मत पॉपुलर वोट कहलाते हैं, जिनके आधार पर राष्ट्रपति का चुनाव किया जाता है। 
 
वर्तमान में किसका हाथों में सरकार?
वर्तमान में, जो बाइडेन की अध्यक्षता वाली डेमोक्रेटिक पार्टी का दोनों कक्षों पर दबदबा है। सदन में 221 सीटों के साथ डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार है। लेकिन, सीनेट में कांटे की टक्कर है। यहां रिपब्लिकन पार्टी के पास 50 तो डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 48 सीटें हैं। इनमे 2 स्वतंत्र सीटें बाइडेन सरकार का समर्थन करती हैं। इस लिहाज से ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के लिए ये चुनाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 
 
अगर राष्ट्रपति की पार्टी हारी तो क्या होगा?
यदि राष्ट्रपति की पार्टी हार जाती है, तो रिपब्लिकन पार्टी को सदन का नियंत्रण मिल जाएगा। ऐसे में, कांग्रेस का विभाजन हो जाएगा या यूं कह लीजिए कि सदन और सीनेट में दो अलग-अलग पार्टियां होंगी। 
 
इस वक्त अमेरिका की जनता राष्ट्रपति जो बाइडेन से नाखुश नजर आ रही है। अमेरिका का इतिहास कहता है कि राष्ट्रपति की पार्टी अक्सर सदन का बहुमत खो देती है, खासकर जन राष्ट्रपति की लोकप्रियता कम होती है और अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रही होती है। 
 
ट्रम्प की तैयारियां सातवें आसमान पर:
जो बाइडेन बड़े ही करीबी मार्जिन से चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बने थे, जिसके बाद से रिपब्लिकन पार्टी की ओर से चुनाव प्रक्रिया फर्जी होने के आरोप लगाए गए थे। इसके अलावा जमीनी स्तर पर भी ट्रम्प की पार्टी के उम्मीदवार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों ने 6 राज्यों में चुनाव जीते हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में भारतीय वोटरों को लुभाने के लिए हिंदी में भी चुनाव प्रचार किए जा रहे हैं। राज्यों के प्राथमिकी चुनावों में किंगमेकर बनने के साथ-साथ पूर्व राष्ट्रपति डोन्लड ट्रंप एक बेहतर विकल्प के रूप में उभर रहे हैं। 
 
संयुक्त राज्य अमेरिका में जो पार्टी प्राथमिकी स्तर पर चुनाव जीतती है, उसी का नेता राष्ट्रपति चुनाव की प्रबल दावेदारी पेश करता है। अब तक अमेरिका के 28 राज्यों में हुए प्राइमरी चुनाव में ट्रम्प समर्थित रिपब्लिकन पार्टी ने 21 राज्यों में जीत हासिल की है। 
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