UN ने कहा, TRF ने पहलगाम हमले के स्थल की तस्वीर प्रकाशित की, 2 बार ली थी जिम्मेदारी
TRF Pahalgam terror attack: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) के प्रतिबंध निगरानी दल ने कहा कि 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने पहलगाम (Pahalgam) आतंकवादी हमले की 2 बार जिम्मेदारी ली थी और घटनास्थल की एक तस्वीर प्रकाशित की थी। संयुक्त राष्ट्र दल ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि यह हमला पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT)के समर्थन के बिना संभव नहीं था।
पहलगाम हमले में 26 नागरिकों की हत्या कर दी गई थी : इस्लामिक स्टेट, अल-कायदा और उनसे जुड़े व्यक्तियों एवं संगठनों पर विश्लेषणात्मक समर्थन और प्रतिबंध निगरानी दल की मंगलवार को 36वीं रिपोर्ट में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का उल्लेख किया गया है। इस हमले में 26 नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटक स्थल पर हमला किया। इसमें कहा गया है कि टीआरएफ ने इस हमले की जिम्मेदारी उसी दिन ली और साथ ही घटनास्थल की एक तस्वीर भी प्रकाशित की थी।
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दोबारा इस हमले की जिम्मेदारी ली : यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध समिति को सौंपी गई है। इसमें कहा गया है कि टीआरएफ ने अगले दिन भी दोबारा इस हमले की जिम्मेदारी ली लेकिन 26 अप्रैल को टीआरएफ ने अपने दावे को वापस ले लिया। इसके बाद टीआरएफ की ओर से कोई और बयान नहीं आया तथा न ही किसी अन्य समूह ने जिम्मेदारी ली।
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रिपोर्ट में एक सदस्य देश के हवाले से कहा गया है कि यह हमला पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के समर्थन के बिना संभव नहीं था और टीआरएफ तथा लश्कर के बीच संबंध हैं। एक अन्य सदस्य देश ने कहा कि हमला टीआरएफ ने किया था, जो लश्कर का ही दूसरा नाम है। हालांकि एक अन्य सदस्य देश ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि लश्कर-ए-तैयबा अब निष्क्रिय हो चुका है।
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न्याय के कटघरे में लाना जरूरी : रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि क्षेत्रीय संबंध अब भी नाजुक हैं और यह आशंका है कि आतंकवादी संगठन इन क्षेत्रीय तनावों का फायदा उठा सकते हैं। अमेरिका ने इस महीने टीआरएफ को विदेशी आतंकवादी संगठन और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया है। पहलगाम हमले के बाद 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बयान जारी कर कहा था कि ऐसे घृणित आतंकवादी कृत्य के जिम्मेदार अपराधियों, षड्यंत्रकर्ताओं, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाना जरूरी है। हालांकि पाकिस्तान के दबाव में उस बयान में टीआरएफ का नाम शामिल नहीं किया गया था।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को संसद में कहा कि सुरक्षा परिषद में बयान पर चर्चा के दौरान पाकिस्तान ने टीआरएफ के नाम का किसी भी प्रकार का उल्लेख हटवाने की कोशिश की थी। भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस्लामिक स्टेट-खुरासान अब भी मध्य और दक्षिण एशिया तथा वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta