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  4. Sunita Williams: 6 hours of battle against the dangers of space, lives dependent on SpaceX Dragon spacecraft
Last Updated : सोमवार, 17 मार्च 2025 (13:47 IST)

सुनीता विलियम्स : अंतरिक्ष के खतरों से 6 घंटे की जंग, स्पेसएक्स ड्रैगन यान पर टिकीं सांसें

अंतरिक्ष स्टेशन से भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स की वापसी में 4 संभावित बड़े खतरे हैं...

Sunita Williams
4 major dangers possible in Sunita Williams return: सुनीता विलियम्स, भारतीय मूल की मशहूर अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, जिन्होंने अंतरिक्ष में अपने साहस और समर्पण से दुनिया का दिल जीता, आज एक अनोखी चुनौती का सामना कर रही हैं। 5 जून 2024 को शुरू हुआ उनका मिशन, जो महज 8 दिनों का होना था, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण 9 महीने से अधिक समय तक खिंच गया। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर फंसी सुनीता और उनके साथी बुच विलमोर की वापसी की राह आसान नहीं है। 19 मार्च 2025 को उनकी धरती पर वापसी तय हुई है, लेकिन इस यात्रा में कई खतरे छिपे हैं। यह कहानी उन खतरों की पड़ताल करती है, जो सुनीता की वापसी को जोखिम भरा बना रहे हैं।
 
अंतरिक्ष में फंसने की शुरुआत : सुनीता और बुच बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से आईएसएस के लिए रवाना हुए थे। यह मिशन नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य निजी कंपनियों के साथ मिलकर अंतरिक्ष यात्रा को सस्ता और सुरक्षित बनाना था। लेकिन मिशन शुरू होते ही स्टारलाइनर में समस्याएं उभरने लगीं। पहले तो इसके थ्रस्टर्स में खराबी आई, फिर हीलियम लीक की खबरें सामने आईं। एक प्रॉपेलेंट वॉल्व भी पूरी तरह बंद नहीं हो सका। इन खामियों के कारण स्टारलाइनर को वापस लाने का प्लान रद्द करना पड़ा और इसे बिना चालक दल के पृथ्वी पर उतारा गया। सुनीता और बुच को स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से वापस लाने की योजना बनाई गई, लेकिन यह नया रास्ता भी अपने जोखिमों से भरा है। ALSO READ: 4 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ ISS पहुंचा मिशन 10 क्रू, कब और कैसे होगी सुनीता विलियम्स की वापसी?
 
खतरा नंबर 1, अंतरिक्ष यान की तकनीकी खराबी : स्पेसएक्स का ड्रैगन यान भले ही विश्वसनीय माना जाता हो, लेकिन अंतरिक्ष यात्रा में कोई भी तकनीकी गड़बड़ी जानलेवा साबित हो सकती है। क्रू-10 मिशन, जो सुनीता को वापस लाने के लिए 15 मार्च 2025 को लॉन्च हुआ, को हाइड्रॉलिक सिस्टम में समस्या के कारण पहले स्थगित करना पड़ा था। अगर ड्रैगन यान में कोई खराबी होती है —चाहे वह एयरलॉक सिस्टम हो, थर्मल शील्ड हो, या पैराशूट सिस्टम— तो सुनीता और उनके साथियों की जान खतरे में पड़ सकती है। अंतरिक्ष से पृथ्वी की सतह तक पहुंचने के लिए यान को 27,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वायुमंडल में प्रवेश करना होगा। इस दौरान थर्मल शील्ड के फेल होने पर यान जल सकता है, जैसा कि 2003 में कोलंबिया अंतरिक्ष यान हादसे में हुआ था। ALSO READ: कितनी है 8 महीने से अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स की सैलेरी
 
खतरा नंबर 2, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर : सुनीता और बुच पिछले 9 महीनों से जीरो ग्रैविटी में रह रहे हैं। इस लंबे समय ने उनके शरीर पर गहरा असर डाला है। विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, हड्डियों का घनत्व घट जाता है, और रक्त संचार प्रभावित होता है। जब वे पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण में लौटेंगे, तो उनके शरीर को फिर से ढलने में समय लगेगा। चलने-फिरने में दिक्कत, चक्कर आना, और यहां तक कि बेहोशी का खतरा भी हो सकता है। इसके अलावा, इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में अलग-थलग रहने से मानसिक तनाव भी बढ़ा होगा। वापसी के दौरान अगर कोई आपात स्थिति आती है, तो कमजोर शारीरिक और मानसिक हालत उनके लिए बड़ा खतरा बन सकती है।
Sunita Williams
खतरा नंबर 3, अंतरिक्ष मलबा और मौसम की अनिश्चितता : अंतरिक्ष में लाखों छोटे-बड़े मलबे (स्पेस डेब्रिस) मौजूद हैं, जो पुराने सैटेलाइट्स और रॉकेट्स के टुकड़े हैं। ये मलबे 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चक्कर लगा रहे हैं। अगर ड्रैगन यान का इनसे टकराव होता है, तो यान को भारी नुकसान पहुंच सकता है। नासा और स्पेसएक्स इन मलबों पर नजर रखते हैं, लेकिन छोटे टुकड़ों को ट्रैक करना मुश्किल होता है। इसके अलावा, पृथ्वी पर लैंडिंग के लिए मौसम का सही होना जरूरी है। समुद्र में लैंडिंग के लिए शांत लहरें और साफ आसमान चाहिए। अगर मौसम खराब होता है, तो लैंडिंग टालनी पड़ सकती है, जिससे सुनीता को और इंतजार करना होगा।
 
खतरा नंबर 4, लैंडिंग के दौरान जोखिम : ड्रैगन यान समुद्र में पैराशूट की मदद से उतरेगा। यह प्रक्रिया अपने आप में जोखिम भरी है। अगर पैराशूट सही समय पर नहीं खुलता या उलझ जाता है, तो यान समुद्र में तेजी से टकरा सकता है। 2021 में स्पेसएक्स की एक लैंडिंग के दौरान पैराशूट में देरी हुई थी, हालांकि तब कोई नुकसान नहीं हुआ। लेकिन सुनीता और बुच की मौजूदा शारीरिक स्थिति को देखते हुए, कोई भी झटका उनके लिए खतरनाक हो सकता है। इसके बाद उन्हें समुद्र से निकालकर मेडिकल जांच के लिए ले जाना होगा, जिसमें किसी भी देरी से उनकी हालत बिगड़ सकती है।
 
सुनीता की वापसी की खबर ने भारत और अमेरिका में उत्साह के साथ-साथ चिंता भी पैदा की है। सोशल मीडिया पर लोग उनकी सलामती की दुआएं मांग रहे हैं। वहीं, वैज्ञानिक समुदाय भी इस मिशन पर नजर रखे हुए है। 
 
19 मार्च 2025 को सुनीता और बुच ड्रैगन यान में सवार होकर आईएसएस से रवाना होंगे। उनकी यात्रा करीब 6 घंटे की होगी, जिसमें वे पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेंगे और फिर फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में उतरेंगे। नासा और स्पेसएक्स की टीमें हर कदम पर नजर रख रही हैं, लेकिन अंतरिक्ष की अनिश्चितता कोई भी भविष्यवाणी मुश्किल बना देती है। क्या सुनीता सुरक्षित लौटेंगी? यह सवाल हर किसी के मन में है। पूरी दुनिया उनकी सलामती की दुआ कर रही है, और यह मिशन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बनेगा। क्या सुनीता इन खतरों को पार कर पाएंगी? इसका जवाब 19 मार्च को मिलेगा, जब वह पृथ्वी की मिट्टी को फिर से छूएंगी।