वो अमेरिकी राष्ट्रपति जो 22 घंटे में ही भारत की यात्रा खत्म कर पाकिस्तान चले गए
इतिहास के पन्नों में दो देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्रियों के बीच संबंधों के कई किस्से हैं। लेकिन एक अमेरिकी राष्ट्रपति तो ऐसे थे जिनसे इंदिरा गांधी की पटरी नहीं बैठती थी।
दरअसल एशिया में सोवियत रूस के ऊपर दबाव बनाने के लिए अमेरिका का झुकाव कई बार पाकिस्तान के पक्ष में रहा है। शायद यही कारण रहा कि बिल क्लिंटन के पहले जितने भी अमेरिकी राष्ट्रपति हुए, सबका भारत के साथ संबंध उतने अच्छे नहीं रहे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत और अमेरिका के बीच सबसे खराब संबध राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के कार्यकाल के दौरान था। इस समय भारत एक तरफ भुखमरी तो दूसरी तरफ पाकिस्तान प्रायोजित युद्ध के मोर्चे पर लड़ रहा था। लेकिन, निक्सन की पाक परस्त नीतियों के कारण भारत और अमेरिका के बीच संबंध काफी खराब हो गए थे। यह वही राष्ट्रपति हैं जिन्होंने जुलाई 1969 में भारत की यात्रा को मात्र 22 घंटे में ही खत्म कर दिया और पाकिस्तान चले गए।
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन न केवल पाकिस्तान के घोर पक्षधर थे, बल्कि भारत के उतने ही कट्टर विरोधी भी। हाल में ही भारतीय महिलाओं को लेकर उनके दिए गए बयान की भी खासी चर्चा हो रही है। जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत की महिलाएं बेहद दयनीय हैं और भारत के लोग 'रिपल्सिव' (अरुचिकर) हैं। रिचर्ड निक्सन पर्दे की दुनिया से निकलकर सीधे अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए थे। ऐसे में उनको राजनयिक शिष्टाचार और विदेशी संबंधों के बारे में कुछ भी मालूम नहीं था।
1971 में जब भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में हो रहे पाकिस्तानी अत्याचार के प्रति दुनिया का ध्यान खींचने अमेरिका गईं। उस समय वाइट हाउस में निक्सन ने इंदिरा गांधी को मिलने के लिए 45 मिनट तक इंतजार करवाया। बड़ी बात यह थी कि उस समय राष्ट्रपति निक्सन ने पाकिस्तान पर एक शब्द भी नहीं बोला।
1971 में जब भारतीय सेना तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तान की फौज को नाकों चले चबवा रही थी, तब अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने उनकी मदद के लिए अपने 7वें बेड़े को भारत के खिलाफ भेजा था। अमेरिकी नौसेना का सातवां बेड़ा सामरिक रूप से बहुत मजबूत था। इसकी अकेले की ताकत उस समय भारत की पूरी नौसेना से भी ज्यादा थी। हालांकि रूस के भारत के पक्ष में खुलकर आने के कारण निक्सन के प्लान पर पानी फिर गया और अमेरिकी नौसेना वापस लौट गई।
वाइट हाउस में रिपोर्टर रह चुके डॉन फुलसोम की 2011 में आई किताब 'निक्सन्स डार्केस्ट सीक्रेट्स' में दावा किया गया था कि निक्सन गे थे। इस किताब में उन्हें शराबी भी बताया गया था। इस किताब में फुलसोम ने लिखा था कि निक्सन बहुत बड़े शराबी थे और अपनी पत्नी को अक्सर पीटा करते थे। उनके संबंध अमेरिका के तत्कालीन सबसे शक्तिशाली गुंडे कार्लोस मार्केलो समेत कई माफियाओं से भी थे। निक्सन अमेरिका के 37वें राष्ट्रपति थे और उन्हें वाटरगेट कांड के चलते इस्तीफा देना पड़ा था। वह 1969 से 1974 तक अमेरिका के प्रेज़िडेंट रहे।