इस्लाम पर लिखने के कारण ब्लॉगर को अमेरिका में मिली पनाह
शिकागो। अमेरिका के शिकागो में आव्रजन मामलों को देखने वाली एक अदालत ने हिरासत में रखे गए सिंगापुर के एक युवक को राजनीतिक शरण देने का आदेश देते हुए कहा है कि बेबाक राजनीतिक विचार व्यक्त करने के कारण इस युवक को उसके देश में प्रताड़ित किया गया है।
तेरह पन्नों के आदेश में 18 वर्षीय अमोस ली को राजनीतिक शरण के लिए योग्य घोषित करते हुए जज सैम्युल कोल ने कहा कि साक्ष्यों से पता चलता है कि इस युवक को राजनीतिक विचार व्यक्त करने पर सिंगापुर के अधिकारियों ने दंडित और प्रताड़ित किया है। उसे राजनीतिक शरण पाने का पूरा अधिकार है।
जज ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता पर सवाल उठाना और इसके लिए किसी को किसी तरह से परेशान करना गंभीर चिंता का विषय है। सुकोल ने कहा कि लोकतंत्र में विचार व्यक्त करने का अधिकार बेहद पावन है चाहे वह आक्रामक ही क्यों न हो।
ली के वकील सांड्रा ग्रॉसमैन ने कहा कि उसके मुवक्किल को 16 दिसंबर 2016 को यहां के ओहारे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हिरासत में ले लिया गया था। वह राजनीतिक शरण के लिए आया था। अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने ली के राजनीतिक शरण के आवेदन का यह कहते हुए विरोध किया था कि सिंगापुर सरकार इसके बारे में उचित निर्णय ले सकती है। ग्रॉसमैन ने कहा कि जज के आदेश से सरकार की आलोचना करने के अधिकार को बल मिलता है।
गत वर्ष सितंबर को ली को इंटरनेट पर जान-बूझकर ऐसे चित्र और वीडियो और ब्लॉग लिखने के 6 मामलों में दोषी करार दिया गया था। उस पर आरोप था कि उसके इस कदम से इस्लाम और ईसाई धर्म के लोगों को चोट पहुंची है। उसे 6 सप्ताह की जेल की सजा हुई थी।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री ली कुवान की मौत के शीघ्र बाद ली द्वारा की गई एक टिप्पणी को एक समूह विशेष की भावानाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप भी उस पर साबित हुआ था। (वार्ता)