ट्रंप को बड़ा झटका, रामाफोसा ने किसी को नहीं दी G-20 की अध्यक्षता
G20 Big Jolt to Trump : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उस समय बड़ा झटका लगा जब दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने जी-20 की अगली अध्यक्षता अमेरिका को सौंपने से इनकार कर दिया। अमेरिका ने दक्षिण अफ्रीका के साथ कूटनीतिक मतभेदों के चलते G20 शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया था।
क्यों अड़े रामाफोसा : ट्रंप प्रशासन की ओर से कहा गया था कि वह कार्यभार सौंपने के लिए जोहानिसबर्ग में अपने अमेरिकी दूतावास के प्रभारी को भेजेगा। इस पर दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री रोनाल्ड लामोला ने कहा कि राष्ट्रपति रामाफोसा अमेरिका के प्रभारी को कार्यभार नहीं सौंपेंगे। उन्होंने साफ किया कि अगर वे प्रतिनिधित्व चाहते हैं तो वे अभी भी उचित स्तर पर किसी को भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये व्यक्ति राज्य प्रमुख, मंत्री या राष्ट्रपति की ओर से नियुक्त विशेष दूत होगा।
नहीं चलेगी धमकी : इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा ने गुरुवार को भी जी-20 शिखर सम्मेलन में डोनाल्ड ट्रंप पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि जी-20 में कोई धमकी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि ऐसा नहीं हो सकता कि किसी देश की भौगोलिक स्थित, आय का स्तर या सेना यह तय करे कि किसकी आवाज सुनी जाए और किससे बात की जाए।
जी20 में टूटी परंपरा : जी-20 की परंपरा को तोड़ते हुए दुनियाभर के नेताओं ने अमेरिका की आपत्ति के बाद भी साझा घोषणापत्र को जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत में ही अपना लिया। आमतौर पर इसे सम्मेलन के आखिरी दिन किया जाता है। इस घोषणापत्र में जलवायु महत्वाकांक्षा, ऋण राहत, बहुपक्षवाद, आतंकवाद और वैश्विक संघर्षों पर एक मजबूत सियासी संदेश दिया गया है। अमेरिका ने जलवायु परिवर्तन सहित कुछ बिंदुओं पर नाराजगी जताई थी।
संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुसार, किसी भी देश को दूसरे देश की संप्रभुता और अखंडता पर चोट करने या उसकी राजनीतिक आजादी पर कब्जा करने की धमकी नहीं देना चाहिए। जी20 देशों ने भी इसी पर जोर दिया है, जिसे रूस, इजराइल और म्यांमार के लिए छिपा हुआ संदेश माना जा रहा है।
edited by : Nrapendra Gupta