जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति की चुनावी रैली में धमाका, एक उपराष्ट्रपति जख्मी
हरारे। जिम्बाब्वे की सरकारी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति एमर्सन मनानगाग्वा शनिवार को जिस स्टेडियम में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे वहां हुए एक धमाके से पूरा स्टेडियम दहल गया। इस हमले को राष्ट्रपति की हत्या की कोशिश करार दिया जा रहा है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि एमर्सन हताहत नहीं हुए हैं और उन्हें घटनास्थल से सुरक्षित ले जाया गया है। चश्मदीदों का कहना है कि धमाके के कारण कई लोग घायल नजर आ रहे हैं।
इस बीच सरकारी टीवी ने अपनी खबर में बताया है कि बुलावायो में रैली के दौरान हुए इस धमाके में देश के एक उपराष्ट्रपति जख्मी हुए हैं। सरकारी अखबार 'जिम्बाब्वे हेरॉल्ड' ने खबर दी कि राष्ट्रपति एमर्सन को बुलावायो के एक अतिथिगृह में ले जाया गया। राष्ट्रपति अगले महीने के चुनावों से पहले रैली को संबोधित कर रहे थे।
हेरॉल्ड ने अपनी खबर की सुर्खी में कहा कि ईडी (राष्ट्रपति के नाम का संक्षिप्त रूप) की हत्या की कोशिश। चश्मदीदों ने एपी को बताया कि धमाका उस वक्त हुआ, जब एमर्सन ने रैली में अपना संबोधन खत्म किया गया था और पोडियम से जा रहे थे।
इंटरनेट पर डाले गए वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि एमर्सन अपने हाथ हिलाकर भीड़ का अभिवादन कर रहे हैं, पोडियम बंद करने के लिए मुड़ रहे हैं और खुली हुई वीआईपी टेंट की तरफ जाने वाले हैं कि तभी कुछ सेकंड के भीतर धमाका हो जाता है। लोग अपनी जान बचाते हैं, चीखते-चिल्लाते हैं और वहां धुएं का गुबार नजर आता है। सरकारी टीवी ने धमाके के तुरंत बाद अपना प्रसारण बंद कर दिया।
बुलावायो जिम्बाब्वे का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और परंपरागत तौर पर इसे विपक्ष का गढ़ माना जाता है। इथियोपिया में हुए ऐसे ही हमले के कुछ घंटे बाद यह धमाका हुआ। इथियोपिया में हुए हमले में एक शख्स की मौत हो गई जबकि कई लोग जख्मी हो गए। वहां यह हमला देश के नए प्रधानमंत्री की ओर से राजधानी में एक विशाल रैली में अपना भाषण खत्म करने के तुरंत बाद हुआ।
राष्ट्रपति के प्रवक्ता जॉर्ज चाराम्बा ने 'दि जिम्बाब्वे हेरॉल्ड' को बताया कि जांच चल रही है। उन्होंने इशारा किया कि पिछले कुछ साल में एमर्सन की हत्या की कोशिशें कई बार हो चुकी हैं। एमर्सन चुनाव प्रचार के दौरान सहित कई अन्य मौकों पर कई बार खुद भी मजाक में अपनी हत्या की कोशिश की बातें किया करते हैं।
एमर्सन ने पिछले साल नवंबर में अपने पूर्व सहयोगी और लंबे समय तक राष्ट्रपति रहे रॉबर्ट मुगाबे से देश की सत्ता की कमान संभाली थी। सत्ता का नाटकीय हस्तांतरण उस वक्त शुरू हुआ, जब एमर्सन को मुगाबे के नायब के तौर पर बर्खास्त कर दिया गया और कहा कि उन्हें अपनी जान बचाने के लिए देश से तुरंत भागना पड़ा था।
आगामी 30 जुलाई को होने जा रहा चुनाव 1980 के बाद ऐसा पहला चुनाव है जिसमें मुगाबे इस दक्षिण अफ्रीकी देश में नहीं हैं। एमर्सन ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने का इरादा जाहिर किया है। पिछले 2 दशकों में पहली बार पश्चिमी देशों के पर्यवेक्षकों को जिम्बाब्वे के चुनावों पर नजर रखने के लिए आमंत्रित किया गया है। (भाषा)