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Last Modified: शुक्रवार, 22 जुलाई 2022 (11:29 IST)

चीन में सड़कों पर क्यों उतरे सेना के टैंक, बैंक के एक फैसले के चलते बने 'तियानमेन' जैसे हालात

चीन में सड़कों पर क्यों उतरे सेना के टैंक, बैंक के एक फैसले के चलते बने 'तियानमेन' जैसे हालात chinese tanks roll on the streets to scare henan protesters - chinese tanks roll on the streets to scare henan protesters
चीन। चीन में पिछले दिनों बड़ा हंगामा हो गया। एक बैंक ने लोगों का पैसा वापस करने से मना कर दिया, जिसके विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। हालात इतने खराब हो गए कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी को सड़कों पर टैंक उतारने पड़े। 
 
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये स्थिति बैंक ऑफ चाइना की हेनान शाखा द्वारा लिए गए एक फैसले के बाद बनी। बैंक ने ये घोषणा की थी कि उनकी शाखा में लोगों का जमा किया हुआ पैसा 'निवेश उत्पाद' (Investment Product) है और इसे बैंक से निकाला (Withdraw) नहीं जा सकता।  
 
चीन से आने वाली तस्वीरें उस घटना की याद दिला रही है, जो आज से 33 साल पहले चीन के तियानमेन स्क्वायर में घटित हुई थी। जून 4, 1989 का वो दिन जब चीनी नेताओं ने बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर को खाली कराने के लिए भारी टैंकों और सशस्त्र सैनिकों को भेजा था। तब छात्र लोकतंत्र और अधिकारों की मांग करने के लिए हफ्तों तक तियानमेन स्क्वायर पर एकत्र हुए थे। बीबीसी के अनुसार इस घटना में 10,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। 
 
ये पूरा मामला तब से शुरू हुआ, जब बैंक ऑफ चाइना द्वारा की गई एक घोषणा के चलते सभी निवेशक चिंता में पड़ गए। बैंक में लोगों ने अपने बचत खातों में जो पैसा जमा किया था, वो अब निवेश माना जाएगा। निवेशक हजारों की संख्या में अपना पैसा लेने के लिए जेनजोउ (Zhengzhou) स्थित बैंक की हेनान शाखा के पास एकत्र होकर नारेबाजी करने लगे। हालात बिगड़ते देख चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने सड़कों पर टैंकों को उतारने का फैसला किया। बुधवार को हेनान प्रांत में चीनी टैंकों की एक लंबी कतार देखी गई। 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हेनान में स्थित बैंक ऑफ चाइना की हेनान शाखा ने अपने ग्राहकों से वादा किया था कि उनका पैसा 15 जुलाई तक लौटा दिया जाएगा। हेनान के वित्तीय पर्यवेक्षण ब्यूरो द्वारा जारी किए गए नोटिस के अनुसार कुछ लोगों का पैसा 15 जुलाई को लौटा दिया गया था। लेकिन, भारी मात्रा में लोग अभी भी अपने पैसे वापस मिलने का इंतजार कर रहे हैं। 
 
बता दे की चीन में पिछले तीन सालों से जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। सरकार इसके लिए कोरोनावायरस के संक्रमण के खतरा का हवाला दिया करती है। कुछ महीनों पहले चीन के एक पुलिस उच्चाधिकारी ने नागरिकों को चेतावनी दी थी कि अगर व्यक्ति किसी एक स्थान पर समूह बनाकर साझा उद्देश्य से किसी मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए इकट्ठे होते हैं, तो ऐसी सभाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 
 
एएनआई के अनुसार सैंकड़ों की संख्या में निवेशक हेनान प्रांत की राजधानी जेनजोउ स्थित बैंक ऑफ चाइना की शाखा के बाहर डटे हुए हैं, जिन्हे चीनी आर्मी द्वारा वहां से हटाने का प्रयास किया जा रहा है। 
 
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