शनिवार, 14 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. 3 scientists received Nobel Prize in Physics
Written By
Last Modified: मंगलवार, 6 अक्टूबर 2020 (20:00 IST)

'Black hole' संबंधी खोज के लिए 3 वैज्ञानिकों को मिला 'भौतिकी' का Nobel Prize

'Black hole' संबंधी खोज के लिए 3 वैज्ञानिकों को मिला 'भौतिकी' का Nobel Prize - 3 scientists received Nobel Prize in Physics
photo : The Royal academy of sciences
स्टॉकहोम। ब्लैक होल (Black hole) संबंधी खोज के लिए 3 वैज्ञानिकों को इस साल का भौतिकी (Physics का 'नोबेल पुरस्कार' (Nobel Prize) मिला है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार को कहा कि इनमें से ब्रिटेन के रोजर पेनरोसे (Roger Penrose) को ब्लैकहोल संबंधी खोज के लिए तथा जर्मनी के रीनहार्ड गेंजेल (Reinhard Gängel) और अमेरिका के एंड्रिया घेज (Andrea Ghez) को हमारी आकाशगंगा के केंद्र में ‘सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट’ की खोज के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है।
 
तारकीय अवशेषों, श्वेत वामन तारों, न्यूट्रॉन तारों और ब्लैक होल जैसी चीजों को ‘कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट’ कहा जाता है। पेनरोसे ने पता लगाया है कि ब्लैक होल की उत्पत्ति सापेक्षता के ‘सामान्य’ सिद्धांत संबंधी एक मजबूत प्रमाण है। पेनरोसे ने गणितीय आधार पर साबित किया कि ब्लैक होल की उत्पत्ति संभव है और यह पूरी तरह अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत पर आधारित है।
 
वहीं, गेंजेल और घेज ने ‘हमारी आकाशगंगा’ के धूल से घिरे केंद्र को देखा जहां कुछ अद्भुत घटना हो रही थी। अनेक तारे किसी ऐसी चीज की परिक्रमा कर रहे थे जो अब तक उन्होंने नहीं देखी। यह एक ब्लैक होल था। यह कोई साधारण ब्लैक होल नहीं, बल्कि ‘सुपरमैसिव ब्लैक होल’ था जो ‘हमारे सूर्य से’ 40 लाख गुना अधिक द्रव्यमान का था।
 
अब वैज्ञानिक जानते हैं कि सभी आकाशगंगाओं में ‘सुपरमैसिव ब्लैक होल’ होते हैं। एकेडमी के महासचिव गोरान के. हंसोन ने कहा कि भौतिकी के क्षेत्र में इस साल का आधा पुरस्कार ब्लैक होल की उत्पत्ति और सापेक्षता के सिद्धांत संबंधी खोज के लिए पेनरोसे को जबकि शेष आधा पुरस्कार गेंजेल और घेज को ‘सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट’ संबंधी खोज के लिए मिला है।
 
ब्लैक होल खगोल विज्ञान में संभवत: सर्वाधिक रहस्यमयी और शक्तिशाली चीज हैं जिनके गुरुत्वाकर्षण दायरे में आई कोई भी चीज, यहां तक कि प्रकाश भी इनसे बचकर बाहर नहीं निकल सकता। ये सभी आकाशगंगाओं के केंद्र में होते हैं। नोबेल पुरस्कार समिति ने कहा, ‘आइंस्टीन को खुद यह विश्वास नहीं था कि ब्लैक होल वास्तव में होते हैं जिनकी जद से कोई भी चीज बाहर नहीं जा सकती।’
 
ब्रिटेन के खगोल विज्ञानी मार्टिन रीस ने कहा, ‘पेनरोसे ने 1960 के दशक में सापेक्षता के अध्ययन में एक नए युग की शुरुआत की, युवा स्टीफन हॉकिंग के साथ उन्होंने बिग बैंग और ब्लैक होल से संबंधित साक्ष्य को मजबूत करने में मदद की।’
 
उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि इस पुरस्कार के जरिए हॉकिंग को संबंधित काम का श्रेय नहीं मिल पाया। हाकिंग का 2018 में निधन हो गया और नोबेल पुरस्कार केवल जीवित वैज्ञानिकों को मिलता है। नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (11 लाख डॉलर से अधिक) की राशि दी जाती है।
 
स्वीडिश क्रोना स्वीडन की मुद्रा है। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है। नोबेल पुरस्कार समिति ने सोमवार को शरीर विज्ञान एवं औषधि क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी वैज्ञानिकों-हार्वे जे अल्टर और चार्ल्स एम राइस तथा ब्रिटेन में जन्मे वैज्ञानिक मिशेल हफटन को देने की घोषणा की थी।
 
रसायन विज्ञान, साहित्य और अर्थशास्त्र जैसे क्षेत्रों में सराहनीय कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा आगामी दिनों में की जाएगी। (भाषा)
ये भी पढ़ें
COVID-19 in India : देश में Corona से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 56 लाख से अधिक