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भारत रत्न सम्मानित मदर टेरेसा के 6 महान कार्य

भारत रत्न सम्मानित मदर टेरेसा के 6 महान कार्य - 6 major memorable work  done by saint mother Teresa
मदर टेरेसा जिनका नाम लेते ही मन में दया के भाव जाग जाते हैं। उन्‍होंने दुनिया के बच्‍चों की अपने बच्‍चों की तरह सेवा की। जिंदगीभर जरूरतमंद लोगों की सेवा कर अपना संपूर्ण जीवन न्योछावर कर दिया। संत मदर टेरेसा का जीवन एक मिसाल हैं। कैसे देश के युद्ध के दौरान हुए घायलों के लिए अपनी जिंदगी भी दे दी। 26 अगस्‍त 1910 को मदर टेरेसा का जन्‍म हुआ था। आज उनकी जन्‍म जयंती विशेष पर जानते हैं उनके द्वारा किए गए महान कार्यों के बारे में - 
 
1.18 वर्ष की उम्र में मदर टेरेसा ने अपना घर त्‍याग दिया था। वह फादर फ्रेंजो जेमरिक से काफी प्रभावित हुई थी। लोगों की सेवा के लिए उन्‍होंने अपनी सभी सुख-सुविधाओं को त्‍याग दिया था। गरीबों की सेवा करने के लिए नन बनने की दिशा में कदम उठाया। 24 मई 1937 को मदर टेरेसा ने अंतिम प्रतिज्ञा ली। नन की प्रतिज्ञा लेने के बाद उन्‍हें मदर की उपाधि दी गई। इसके बाद से वह पूरे विश्‍व में मदर टेरेसा के नाम से प्रसिद्ध हुई।    
 
2.1947 में भारत पाकिस्‍तान के बंटवारे के दौरान कई लोगों की मदद की थी। बंटवारे के दौरान अपने परिवार से बिछड़ गए बच्‍चों को पनाह दी। उन सभी बच्‍चों को एक जगह इकट्ठा कर सभी के लिए प्रबंध किया। इसके बाद से ही मदर टेरेसा ने नीले बॉर्डर वाली साड़ी पहनना भी शुरू किया। बाद में उन्‍होंने 6 महीने की बेसिक मेडिकल ट्रेनिंग भी लीं। ताकि जरूरतमंद को समय पर उपचार मिल सकें। 
 
3.1948 के दौर में भारत की स्थिति बहुत अच्‍छी नहीं थी। ऐसे में मदर टेरेसा ने बेसहारा लोगों को सहारा दिया था। स्‍लम क्षेत्र में रहकर वह खतरनाक बीमारियों से जूझ रहे लोगों की सेवा की। वह चाहते तो वापस कॉन्‍वेंट जा सकती थीं। लेकिन वहीं रहकर लोगों की सेवा की। स्‍लम क्षेत्र में गंदगी के बीच रहना आसान नहीं था।  
 
4.1970 में मदर टेरेसा को नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया। पुरस्‍कार के साथ उन्‍हें 1,90,000 डॉलर का चेक भी दिया गया। जिसकी भारतीय मु्द्रा में  1 करोड़ 41 लाख रूपए की राशि होती है। इतनी बड़ी रकम को उन्होंने गरीबों की सेवा में लगा दिया।
 
5.7 अक्‍टूबर 1950 को मदर टेरेसा ने वेटिकन से -मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्‍थापना की थी। इस चैरिटी को स्‍थापित करने का मुख्‍य उद्देश्‍य था, निवस्‍त्र, भूखों, बेघर, विकलांग सहित अन्‍य बेसहारा लोगों का सहारा बनना। इस चैरिटी की स्‍थापना मात्र 13 लोगों के साथ की थी। मदर टेरेसा के निधन (1997) के वक्‍त यह संख्‍या 4000 के करीब थी। वर्तमान में 4000 से अधिक सिस्‍टर्स असहाय लोगों की सेवा कर रही हैं। 
 
6.मिशनरीज ऑफ चैरिटी की कलकत्‍ता में स्‍थापना की थी। आज 120 से अधिक देशों में मानवीय कार्य के लिए जाना जाती है चैरिटी। मिशनरी संपूर्ण जगत में गरीब, बीमार, असहाय, वंचित लोगों की सेवा और सहायता में अपना योगदान देते हैं। इतना ही वह एड्स पीड़ित लोगों की सहायता भी करते हैं।