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Last Updated : शनिवार, 30 अगस्त 2025 (15:20 IST)

आरोपियों का सरेंडर या पुलिस का, क्‍यों आरोपियों के सामने सरेंडर है इंदौर पुलिस?

कादरी से लेकर इति तक और श्रद्धा से लेकर सोनम-राजा रघुवंशी तक, क्‍यों आरोपियों को नहीं पकड़ पाई इंदौर पुलिस?

indore police
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पिछले कुछ दिनों से इंदौर पुलिस का रिकॉर्ड देखें तो समझ में आता है कि कई केस में पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर सकी है। ज्‍यादातर आरोपियों ने खुद ही पुलिस के सामने सरेंडर किया है। चाहे वो लव जिहाद का बडा कांड करने वाला कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी हो या शराब करोबारी भूपेंद्र रघुवंशी की आत्‍महत्‍या की आरोपी मानी जा रही इति तिवारी हो। इतना ही नहीं, हाल ही में घर से भागी श्रद्धा तिवारी को भी इंदौर पुलिस ट्रेस नहीं कर पाई। करीब 5 दिनों बाद श्रद्धा खुद ही शादी कर के थाने पहुंची। यह तो कुछ ताजे मामले हैं जिनमें आरोपी खुद ही पुलिस के पास पहुंचे।

कुछ दिनों पहले के बहुचर्चित राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी के शिलॉन्‍ग में लापता होने वाले केस को याद करे तो सामने आता है कि कई दिनों बाद भी इंदौर पुलिस इस कपल को खोज नहीं पायी थी। बाद में मेघालय पुलिस ने राजा का शव ढूंढा और कई दिनों बाद सोनम रघुवंशी को गिरफ्तार किया था। इन मामलों के अलावा इंदौर के दो पार्षदों के आपसी विवाद के बाद भी पुलिस एक फरार पार्षद को कई महीनों तक नहीं पकड पाई थी, बाद में उस केस का क्‍या हुआ यह आज तक स्‍पष्‍ट नहीं हो सका। ऐसे में आम जनता में लगातार यह सवाल उठ रहे हैं कि आरोपी पुलिस के सामने सरेंडर कर रहे हैं या इंदौर पुलिस आरोपियों के सामने बार बार सरेंडर हो रही है।

कानूनी लिहाज से गिरफ्तारी और सरेंडर में फर्क : बता दें कि सरेंडर और गिरफ्तारी में काफी फर्क होता है। सरेंडर का अर्थ है कि आरोपी या कोई व्‍यक्‍ति पुलिस के पास स्वेच्छा से आकर कानूनी प्रक्रिया में शामिल होता है, जबकि गिरफ्तारी में पुलिस आरोपी को बलपूर्वक हिरासत में लेती है। सरेंडर करने वाले आरोपी के प्रति अदालत का रुख नरम हो सकता है और उसे कम से कम हिरासत में रखा जा सकता है। वहीं गिरफ्तारी के बाद व्यक्ति को कई दिनों तक जेल में रहना पड़ सकता है और पुलिस अपने नियमों के मुताबिक उसके साथ बर्ताव करती है।

इंदौर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल : बता दें कि ताजा मामले में लव जिहाद में फंडिंग के आरोपी कादरी ने खुद ही पुलिस में सरेंडर किया है। वो दाढ़ी और मूंछ कटवाकर इंदौर कोर्ट पहुंचा था। वहीं, पब संचालक भूपेंद्र रघुवंशी के सुसाइड केस में आरोपों से घिरी इति ने भी पुलिस के सामने सरेंडर किया है। घर से भागी श्रद्धा तिवारी भी खुद पुलिस के पास पहुंची। ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।

नेपाल में फरारी काटी, नहीं पकड़ पाई पुलिस : सवाल यह है कि कादरी ने कई दिनों तक नेपाल में फरारी काटी। लेकिन वो पुलिस के हाथ नहीं लग सका। वह व्यापारी बनकर अलग-अलग होटलों में रहता था। खर्च के लिए उसने अपनी पत्नी के गहने बेचे। उसने नेपाल से वहां की सीम ले ली थी और उससे इंटनेट कॉल कर इंदौर में उसके खिलाफ चल रहे केस की जानकारी लेता था। इसके अलावा गूगल पर भी अपनी खबरें सर्च कर जानकारी जुटाता था। उसके इंदौर आने और कोर्ट में पेश होने की जानकारी उसके कुछ करीबी लोगों को थी। वह एक दिन पहले ही इंदौर आया था। लव जिहादी अनवर कादरी कई महीनों से पुलिस को चकमा देता रहा और आखिरकार खुद ही सरेंडर कर दिया। यहां भी पुलिस फेल रही।

10 थानों में 20 से ज्यादा केस दर्ज: बता दें कि अनवर कादरी पिता मोहम्मद असलम कादरी उर्फ अनवर पर इंदौर नगर के विभिन्न थाना क्षेत्रों के अलावा महाकाल उज्जैन थाना में भी भादवि के तहत 392 का प्रकरण पंजीबद्ध है। इसके अलावा इंदौर नगर के संयोगितागंज थाने में 7 प्रकरण, सदर बाजार थाने में 4, खजराना में 3, बाणगंगा में 2, चंदन नगर थाने में 2, जूनी इंदौर, सराफा, छोटी ग्वालटोली और एमजी रोड थाने में विभिन्न धाराओं में 1-1 प्रकरण पंजीबद्ध है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब इतने मामले उसके खिलाफ दर्ज है तो फिर कैसे वो पुलिस से बचता रहा।

इति तिवारी खुद पहुंची थाने : शराब कारोबारी व पब संचालक भूपेंद्र उर्फ पिंटू रघुवंशी आत्महत्या केस में इति तिवारी खुद ही थाने पहुंच गई। वकील लेकर थाने आई इति ने मोबाइल और बैंक स्टेटमेंट सौंप दिए। देर रात पुलिस ने भूपेंद्र की पत्नी आरती के कथन लेकर इति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। भवानीपुर कालोनी निवासी 46 वर्षीय भूपेंद्र रघुवंशी ने पांच पन्नों का सुसाइड नोट लिख कर आत्महत्या कर ली थी।

भूपेंद्र ने सुसाइड नोट में इति तिवारी (मुंबई) पर ब्लैकमेल, प्रताड़ना और धमकाने का आरोप लगाया था। शुक्रवार दोपहर इति वकील जील शर्मा के साथ अन्नपूर्णा थाने पहुंची और आरोपितों से मुकुर गई। इसके बाद पुलिस भूपेंद्र के घर पहुंची और पत्नी आरती रघुवंशी, गनमैन सौरभ और चालक शुभम मालवीय के कथन लिए। देर रात पूछताछ की और इति के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। यहां भी पुलिस इसके पहले कि इति को गिरफ्तार करती, उसने वकील के साथ सरेंडर कर दिया।
रिपोर्ट : नवीन रांगियाल