Indore: यहां तो आबादी ही नहीं, कैसे मिलेंगे मेट्रो को मुसाफिर
इंदौर में जल्द ही मेट्रो ट्रेन का सफर शुरू हो जाएगा। लंबे समय से ये प्रोजेक्ट चल रहा है। अब इंदौर में मेट्रो रन का सपना पूरा होने जा रहा है। हालांकि कुछ खामियां भी सामने आ रही हैं। बता दें कि सुपर कॉरिडोर पर टीसीएस और इंफोसिस के कैम्पस हैं। उसमें काम करने वाले कर्मचारी भी एरोड्रम, सुखलिया या विजय नगर, महालक्ष्मी नगर, स्कीम नंबर 54 में रहते हैं। लेकिन मौजूद रूट में मेट्रो रूट में ये इलाके नहीं हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि जहां से मेट्रो गुजरेगी, वहां कोई आबादी है ही नहीं तो मेट्रो की सवारी कौन करेगा। दूसरी तरफ मेट्रो के मध्य हिस्से में अंडरग्राउंड काम होना है। इसके लिए टेंडर भी मंजूर हो चुके हैं। कंपनियों को भी कार्य आदेश दिया जा चुका है, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है।
मेट्रो किराया तय : बता दें कि इंदौर में 6 किलोमीटर का रुट मेट्रो संचालन के लिए तैयार हो गया है। इसके लिए मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने किराया भी तय कर दिया है। मेट्रो का संचालन कब से शुरू होगा। यह अभी तक तय नहीं हो पाया है। गांधी नगर डिपो से बांगड़दा तक जिस हिस्से में मेट्रो ट्रेन का संचालन होगा।
कैसे मिलेंगे मेट्रो को मुसाफिर : बता दें कि बांगड़दा तक जिस हिस्से में मेट्रो ट्रेन का संचालन किया जाएगा, वहां अभी कोई बसाहट या आबादी नहीं है। न ही कोई व्यापारिक क्षेत्र है। इसके चलते अभी उस रुट पर मेट्रो के लिए यात्री मिलना मुश्किल है। हालांकि सुपर कॉरिडोर पर टीसीएस और इंफोसिस के कैम्पस हैं। लेकिन वहां काम करने वाले कर्मचारी एरोड्रम, सुखलिया, विजयनगर या स्कीम नंबर 54 और महालक्ष्मी नगर में रहते हैं, ऐसे में मेट्रो को मुसाफिर कैसे मिलेंगे यह एक बडा सवाल है।
विजयनगर से गांधी नगर फायदे का सौदा : हालांकि विजयनगर और गांधी नगर के बीच मेट्रो की अच्छी कनेक्टिविटी हो सकती है, क्योंकि गांधी नगर के हजारों लोग विजयनगर में स्थित कंपनियों में काम करते हैं या दूसरे कामों से आते हैं। ऐसे में मेट्रो अगर गांधी नगर से विजय नगर तक चलती है तो मेट्रो को मुसाफिर मिल सकते हैं।
Edited By: Navin Rangiyal