व्हाट्सएप समूह के माध्यम से युवा पूछ रहे हैं 'समस्या क्या है'
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में 'समस्या क्या है' व्हाट्सएप समूह चर्चा का विषय बना हुआ हैं। पचास से अधिक युवाओं ने सांझा प्रयास कर एक समूह तैयार किया है, जिसमें शहर के प्रशासनिक अधिकारी के साथ मिलकर यह युवा जनसमस्याओं का समाधान कर रहे हैं।
इस व्हाट्सएप समूह के एडमिन अमित सिकरवाल ने बताया कि शासकीय चिकित्सालय में निर्धन रोगियों को भोजन, आवश्यक दवाइयां मुहैया कराने के उद्देश्य से चार मित्रों ने प्रयास शुरू किए थे। कुछ दिनों बाद समाजसेवा करने के उद्देश्य से युवा जुड़ते गए और मददगार साथियों की संख्या पचास तक पहुंच गई।
इसके बाद सबसे परस्पर संपर्क साधने के उद्देश्य से व्हाट्सएप पर 'समस्या क्या है' समूह प्रारंभ किया। इसमें शहर के प्रशासनिक अधिकारी भी जुड़ गए हैं। इस समूह के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी विद्यार्थियों को शिक्षण, निर्धन परिवारों की कन्याओं का विवाह, असक्षम निर्धन रोगियों का उपचार और जरूरतमंद रोगियों को रक्त उपलब्ध कराया जा रहा है।
समूह से जुड़े मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एस पोरवाल ने समूह को एक सकारात्मक सामूहिक प्रयास बताते हुए कहा कि समाज के प्रति जितना प्रशासनिक तंत्र का दायित्व है, उतना ही दायित्व नागरिकों का भी है। समूह के माध्यम से शहर के युवा अपने कर्तव्यों को निभा रहे हैं।
समूह से इंदौर शहर पुलिस उपमहानिरीक्षक, अनुविभागीय दंडाधिकारी, महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय के अधीक्षक सहित सौ से अधिक प्रशासनिक अधिकारी सहित शहर के अनेक बुद्धिजीवी गणमान्य नागरिक जुड़े हैं। समूह को उत्कृष्ट सामाजिक कार्यों के लिए पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल द्वारा सम्मानित भी किया गया है।