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Written By WD News Desk
Last Updated : मंगलवार, 21 मई 2024 (15:53 IST)

Maa lakshmi beej mantra : मां लक्ष्मी का बीज मंत्र कौनसा है, कितनी बार जपना चाहिए?

lakshmi devi ke mantra aur chandra grahan
Maa lakshmi ka beej mantra: सभी मंत्रों में माता लक्ष्मी का बीज मंत्र सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इस मंत्र को जपने से माता लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न होती है। बीज मंत्र से जाप करें, विधिवत मां लक्ष्मी की पूजा करके और उन्हें उनकी पसंद का नैवेद्य लगाएं और अंत में आरती करें। इस तरह से जप, पूजा आरती करने से मिलेगा माता लक्ष्मी का भरपूर आशीर्वाद।
 
मां लक्ष्मी का बीज मंत्र : ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥ 
 
कितने बार जपे लक्ष्मी बीज मंत्र : कम से कम 1008 बार इस मंत्र का जप करना चाहिए। या एक माला रोज 43 दिन तक जपें।
मां लक्ष्मी मंत्र का लाभ : 
  1. इस मंत्र को मां लक्षमी की शक्ति का प्रतीक माना गया है।
  2. इस मंत्र को जपने से आत्मबल बढ़ता है।
  3. आर्थिक संकट या समस्या इस मंत्र के जाप से दूर हो जाती हैं।
  4. माता का यह बीज मंत्र आपके दुखों को हर लेता है।
मां लक्ष्मी मंत्र का अर्थ
इस मंत्र में ॐ ईश्वर है, ह्रीं मायाबीज है जिसमें ह् शिव, र प्रकृति, नाद विश्वमाता और बिंदु दुखहरण का प्रतीक है। श्रीं लक्ष्मी बीज है जिसमें श महालक्ष्मी के लिए, र धन और संपत्ति के लिए, ई महामाया, तो नाद जगत माता की पुकार के लिए प्रयुक्त हुआ है वहीं बिंदु को दुखों को हरने वाला माना जाता है। अंत में लक्ष्मीभयो नम: का अर्थ है कि हम मां लक्ष्मी को पुकारते हुए उन्हें नमन करते हैं।
 
अर्थात इस मंत्र के जाप से हम यह कामना करते हैं कि शिवयुक्त जननी आद्य शक्ति हमारे समस्त दुखों को हरें। श्रीं का अर्थ हुआ ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी मेरे दुखों को हरण करें और जीवन में समृद्धि लाएं। इस बीज मंत्र का पूरा अर्थ है कि हे परमपिता परमात्मा, हे महामाया, हे माता लक्ष्मी मेरे दुखों को हरें और मेरे जीवन को समृद्धि दें।
अन्य मंत्र : 
1. ॐ लक्ष्मी नम:।
 
2. ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:।
 
3. ॐ लक्ष्मी नारायण नम:। 
 
4. ॐ लक्ष्मी नारायण नमो नम:।
 
5. 'ॐ नमो भाग्य लक्ष्म्यै च विद्महे अष्ट लक्ष्म्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोद्यात'। 
 
6. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
7. ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:।
 
8. ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।
 
9. ॐ लक्ष्मी नमो नम:।
 
10. ॐ श्रीं श्रीये नम:।