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क्या होता है Onam Sadhya? क्यों हैं दुनिया की सबसे बड़ी शाकाहारी थाली

onam sadhya 2023
onam sadhya 2023
10 दिन तक चलने वाला ओणम त्यौहार पुरे भारत में धूम-धाम से मनाया जाता है। मलयालम भाषा में ओणम को थिरुवोणम भी कहते हैं। ओणम को खेतों में अच्छी फसल के लिए मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि केरल में महाबली नाम का एक असुर राजा था। इन राजा के सम्मान में ही ओणम त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान विष्णु के वामन अवतार को भी समर्पित करता है। इस त्यौहार में जो खास है वह है 'साध्या' जिसका अर्थ है भोज। चलिए जानते हैं कि क्या है ओणम साध्या (onam sadhya)...
 
क्या है ओणम साध्या
ओणम त्योहार के समय साध्या भोजन मलयाली लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसमें केले के पत्ते में तरह-तरह के शाकाहारी भोजन परोसे जाते हैं। इसे साध्या थाली और ओणम साध्या भी कहते हैं।
 
इसमें कम से कम 21 और ज्यादा से ज्यादा 28 तरह के पकवान होते हैं जिन्हें केले के पत्तों में परोसा जाता है। आपको बता दें कि ओणम साध्या दुनिया की सबसे बड़ी शाकाहारी थाली है जिसमें 21-28 तरह के पकवान होते हैं। 
 
इन व्यंजनों के नाम भी काफी दिलचस्प होते हैं इसमें सांबर, उपेरी, शर्करा वरही, नारंगा करी, मांगा करी, और रसम जैसे नाम शामिल हैं। इसमें से कुछ व्यंजन गुड़ के साथ बनाएं जाते हैं तो कुछ सब्जियों के साथ मिलाकर बनाते हैं। 
onam sadhya 2023
इस चटनी के बिना साध्या थाली है अधूरी
ओणम साध्या थाली में एक विशेष प्रकार की चटनी बनाई जाती है और इस चटनी के बिना यह थाली अधूरी है। यह चटनी अदरक और गुड़ से बनाई जाती है जिसे 'इंजी करी' कहते हैं। साथ ही चावल, ओलन, कालन, सूरन करी, परिप्पु करी, पच्चड़ी, पुलुस्सरी, एलिस्सरी, खट्टा रायता भी इस थाली की शान होते हैं। 
 
गुड़ की खीर है स्पेशल
साध्या थाली में नमकीन के साथ मीठे व्यंजन भी होते हैं। ओणम में गुड़ की खीर बहुत स्पेशल होती है जिसे पायसम कहते हैं। इसके साथ ही चावल और सेवई की खीर भी इस पर्व पर बनाई जाती है, लेकिन इनमें भी चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह साद्या थाली तैयार की जाती है। 
 
साध्या थाली को जमीन पर बैठकर खाते हैं
आपने कई बार टीवी पर देखा होगा कि दक्षिण भारत में लोग केले के पत्ते में भोजन लेकर ज़मीन पर बैठकर खाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस शाकाहारी साध्या भोजन को जमीन पर पालथी मारकर खाया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार पालथी मारकर बैठकर भोजन करने से पाचन क्रिया मजबूत होती है और साथ ही खाया हुआ भोजन आसानी से पचता है।